यूपी MLC चुनाव में '36 का आंकड़ा', योगी की अग्निपरीक्षा तो अखिलेश के सामने सीटें बचाने की चुनौती
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उत्तर प्रदेश की 27 विधान परिषद सीटों पर शनिवार को मतदान होना है, जहां बीजेपी और सपा आमने-सामने है. सूबे की 37 एमएलसी सीटों में से बीजेपी 9 सीटें निर्विरोध जीत दर्ज कर चुकी है, जिसके चलते 27 सीटों पर मतदान है. बीजेपी विधानसभा की तरह ही विधान परिषद में बहुमत हासिल करने की कवायद में तो अखिलेश यादव के सामने अपनी सीटें बचाए रखने की चुनौती है.
उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय की 36 विधान परिषद सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिनमें से 9 सीटें बीजेपी निर्विरोध जीत दर्ज कर चुकी है. ऐसे में अब बारी 27 एमएलसी सीट पर चुनाव की है, जिन पर शनिवार को मतदान है. इन 27 एमएलसी सीटों पर 95 उम्मीदवार मैदान में है, जिनकी किस्मत का फैसला 58 जिलों की 739 बूथों केंद्रों पर 120657 मतदाता करेंगे. बसपा और कांग्रेस के मैदान में न होने से सपा और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है जबकि कुछ सीटों पर निर्दलीय के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया.
सूबे की जिन 27 एमएलसी सीटों पर शनिवार को मतदान है. बीजेपी सभी 27 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है. वहीं, सपा 25 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारा हैं तो गाजीपुर सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन कर रही है. इसके अलावा एक सीटों पर सपा की सहयोगी आरलेडी चुनाव लड़ रही है . वहीं, राजा भैया की जनसत्ता पार्टी से प्रतापगढ़ सीट पर अक्षय प्रताप सिंह है तो वाराणसी सीट पर माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह और आजमगढ़ सीट पर बीजेपी के एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे निर्दलीय किस्मत आजमा रहे हैं.
मोदी-योगी के गढ़ में बीजेपी की परीक्षा
एमएलसी चुनाव में बीजेपी की असल इम्तिहास पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सीएम योगी के गोरखपुर में भी होना है. वाराणसी-चंदौली-भदोही क्षेत्र की एमएलसी सीट पर बीजेपी से डॉ. सुदामा पटेल मैदान में है, जिनके सामने सपा से उमेश यादव और निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह चुनाव लड़ रही हैं, जो माफिया बृजेश सिंह की पत्नी हैं. इस तरह मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. हालांकि, आमतौर पर माना जाता है कि जो पार्टी सत्ता में होती है, एमएलसी चुनाव में विजय पताका भी वही पार्टी फहराया करती है, लेकिन वाराणसी में माफिया बृजेश सिंह की पत्नी के उतरने से बीजेपी उम्मीदवार की चिंता बढ़ गई है. इसकी वजह यह है कि दो दशक से वाराणसी एमएलसी सीट पर बृजेश सिंह के परिवार का कब्जा है. बृजेश सिंह के सियासी वर्चस्व को तोड़ना बीजेपी के लिए आसान नहीं है.
सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर-महाराजगंज के स्थानीय निकाय की विधान परिषद सीट बीजेपी की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है. इस सीट पर बीजेपी ने सपा छोड़कर आए एमएलसी सीपी चंद मैदान में उतारा है तो सपा ने रजनीश यादव को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. सपा और बीजेपी आमने-सामने है. सूबे की सत्ता पर काबिज होने के चलते बीजेपी के लिए वाराणसी और गोरखपुर सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है. गोरखपुर सीट पिछली बार सपा ने जीती थी, जिसके चलते बीजेपी अब हिसाब बराबर करने की कवायद में है.
आजमगढ़ सीट को सपा रख पाएगी बरकरार
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