यूपी में मायावती के दो सिपहसलार, क्या लगाएंगे बसपा की नैया पार?
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उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने में करीब 6 महीने बचे हैं. सूबे की सत्ता में एक बार फिर वापसी के लिए मायावती ने बसपा के खोए हुए राजनीतिक जनाधार को वापस लाने के लिए मजबूत सिपहसलारों को चुनावी रण मोर्चे पर लगा दिया है और खुद लखनऊ में रहकर सियासी बिसात बिछाने में जुटी हैं.
साल 2019 लोकसभा चुनावों के बाद से नजरों से लगभग ओझल रहने वाली बसपा प्रमुख मायावती सियासी तौर पर फिर से सक्रिय हो गई हैं, जब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने में करीब 6 महीने बचे हैं. सूबे की सत्ता में एक बार फिर वापसी के लिए मायावती ने बसपा के खोए हुए राजनीतिक जनाधार को वापस लाने के लिए मजबूत सिपहसलारों को चुनावी रण मोर्चे पर लगा दिया है और खुद लखनऊ में रहकर सियासी बिसात बिछाने में जुटी हैं.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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