यूपी: नाव से स्कूल जाने को मजबूर बच्चे, बाढ़ में डूबे साइकिल-कार, घरों में घुसा पानी
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Flood in Prayagraj: प्रयागराज के कई इलाकों में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. नाव ही कहीं आने जाने का एकमात्र सहारा बचा है. बच्चे नाव के सहारे ही स्कूल जा रहे हैं और नाव से ही वापस आकर सीढ़ियों के सहारे घर मे दाखिल हो रहे हैं क्योंकि इनके मकान में पानी भर गया है.
संगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ अब मुसीबत बनती जा रही है. नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ के कारण पानी रिहायशी इलाकों में बने घरों में घुस गया है और लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. जहां घर में खड़ी कार, साइकिलें और तमाम सामान पानी मे डूब रहे हैं, वहीं सैकड़ों मकानों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है. चोरी के डर से लोग घर की छत पर रहने लगे हैं. घरों में फंसे बाढ़ पीड़ित अब सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं. घरों में पानी भरने के कारण बच्चे नाव से स्कूल जाने को मजबूर हैं.
ये बघाड़ा इलाका है, यहां बाढ़ ने कहर बरपा रखा है. हर तरफ यहां पानी ही पानी नजर आ रहा है. नाव ही कहीं आने जाने का एकमात्र सहारा बचा है. बच्चे नाव के सहारे ही स्कूल जा रहे हैं और नाव से ही वापस आकर सीढ़ियों के सहारे घर में दाखिल हो रहे हैं. वजह है कि इनके मकान में पानी भर गया है.
जिन गलियों में गाड़ियां फर्राटे भरती थीं, आज वहां नाव चल रही है. कार, साइकिलें, ट्रांसफार्मर और तमाम सामान पानी मे डूब गए है. घरों में हर तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है. बाढ़ के कारण इंसान हो या जानवर सभी परेशान हैं. घरों में चोरी न हो इसलिए लोग अपना घर छोड़ नही रहे हैं. इस कारण लोगों ने अपना बसेरा घर की छतों में बना लिया है. प्रशानिक अमला लोगों की मदद के लिए हर संभव मदद का प्रयास कर रहा है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जिनको अभी तक सरकारी मदद नही पहुंच पाई है.
गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं. दोनों नदियां डेंजर लेवल को पार कर चुकी हैं और अब जबरदस्त तबाही मचाने लगी हैं. नदियों में आए उफान की वजह से अकेले शहरी इलाके के तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है. NDRF ने बाढ़ में फंसे 26 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
बाढ़ के कारण कई मुहल्ले पानी से घिर गए है जिनमे दारागंज - छोटा बघाड़ा - बड़ा बघाड़ा- करेलाबाग- गौस नगर, सलोरी- गोविंदपुर- शिवकुटी- रसूलाबाद- राजापुर- गंगानगर- अशोकनगर- द्रौपदी घाट- नीवा- जेके कॉलोनी समेत तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्ले तालाब बने हुए हैं. कई जगहों पर तो मकानों की पूरी एक मंजिल तक डूब गई है. अब तक करीब 2700 से ज्यादा लोग 14 बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं. ऐसे में गंगा और यमुना नदियां 86 मीटर का लेवल पार कर सकती हैं. डीएम ने बाढ़ में फंसे लोगों से अपील की है कि समय रहते सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.
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