यूक्रेन के खिलाफ रूस के लिए युद्ध लड़ते हुए मारे गए दो और भारतीय, जानें कैसे हुई थी इनकी भर्ती?
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 200 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के तौर पर भर्ती किया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने रूस के साथ इस मामले को दृढ़ता से उठाया है और उसकी सेना के साथ मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को वापस भेजने की मांग की है.
भारत के दो और नागरिक यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूसी सेना के लिए लड़ते हुए मारे गए हैं, जिससे ऐसी मौतों की संख्या चार हो गई है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि भारत ने रूस के साथ इस मामले को दृढ़ता से उठाया है और उसकी सेना के साथ मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को वापस भेजने की मांग की है. विदेश मंत्रालय ने रूस से कहा है कि वह अपनी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती पर प्रभावी रोक लगाए और ऐसी गतिविधियां भारत-रूस साझेदारी के अनुरूप नहीं हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि रूसी सेना में भर्ती किए गए दो भारतीय नागरिक हाल ही में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में मारे गए हैं. हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. मॉस्को में हमारे दूतावास ने रूसी रक्षा मंत्रालय सहित वहां के वरिष्ठ अधिकारियों पर यूक्रेन युद्ध में मारे गए भारतीयों के शवों को शीघ्र वापस भेजने के लिए दबाव डाला है.'
इस साल मार्च में, हैदराबाद निवासी 30 वर्षीय मोहम्मद असफान की रूसी सेना की ओर से यूक्रेन के साथ अग्रिम मोर्चे पर युद्ध लड़ते समय लगी चोटों के कारण मृत्यु हो गई थी. फरवरी में, गुजरात के सूरत के रहने वाले 23 वर्षीय हेमल अश्विनभाई मंगुआ की डोनेट्स्क क्षेत्र में 'सुरक्षा सहायक' के रूप में सेवा करते समय यूक्रेनी हवाई हमले में मृत्यु हो गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 200 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के तौर पर भर्ती किया गया है.
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'मॉस्को में भारतीय दूतावास ने रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए क्रमशः नई दिल्ली में रूसी राजदूत और मॉस्को में रूसी अधिकारियों के साथ मामले को दृढ़ता से उठाया है.' विदेश सचिव विनय क्वात्रा के रूसी दूतावास में रूसी राष्ट्रीय दिवस के स्वागत समारोह में भाग लेने के कुछ घंटों बाद विदेश मंत्रालय का यह बयान आया. अधिकारियों के अनुसार, रूसी सेना के साथ सहायक स्टाफ के रूप में काम करने वाले कुल 10 भारतीयों को अब तक रिहा कर दिया गया है और भारत वापस भेज दिया गया है.
सीबीआई ने किया था मानव तस्कर गिरोह का भंडाफोड़
सीबीआई ने इसी साल मार्च में देश भर में सक्रिय मानव तस्करी के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था, जो कथित तौर पर भारतीय युवाओं को आकर्षक विदेशी नौकरियों के नाम पर रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर धकेल रहे थे. उन पर दर्जनों भारतीयों को धोखे में रखकर रूस भेजने और उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें वहां की सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर करने का आरोप है.
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