यूक्रेन: कीव को मुर्दाघर बनाकर निकले रूसी सैनिक, सड़कों पर लाशें-बुका की कब्रगाह में मिले 280 शव
AajTak
यूक्रेन-रूस युद्ध के 39वें दिन यूक्रेन की सेना ने कीव शहर को रूसी सैनिकों से एक बार फिर से छीनकर अपने कब्जे में कर लिया है. लेकिन कीव शहर का जो नजारा है वो दिल दहलाने वाला है. मात्र एक महीने पहले तक चमचमाता शहर कीव आज एक मुर्दाघर में तब्दील हो गया है.
यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 39वां दिन है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब कीव पर एक बार फिर से यूक्रेन का कब्जा हो गया है. यूक्रेन की सेना रूसी आर्मी को कीव से बाहर निकालने के जब शहर में घुसी तो वहां के हालात रोंगटे खड़े कर देने वाले थे. कीव शहर की सड़कों पर लावारिस पड़ी हुई लाशें वहां हुई कत्लो गारद के निशां बता रही थीं.
न्यूज एजेंसी के अनुसार कीव शहर की मात्र एक गली में 20 लोगों की डेड बॉडीज मिली हैं. समाचार एजेंसी एएफपी ने बुका शहर के मेयर के हवाले से कहा है कि यहां एक सामूहिक कब्रगाह मिला है जहां से 280 लोगों की लाशें मिली हैं. कीव, बुका से आ रही तस्वीरें मानवता को झकझोरने वाली हैं.
कीव का मंजर देख कलेजा मुंह को आ जाएगा
यूक्रेन की सेना धीरे-धीरे, बड़ी सावधानी से कीव शहर में प्रवेश कर रही है. ऐसा लगता है जैसे कभी हसंता-खिलखिलाता कीव शहर खंडहर में तब्दील हो गया है. शहर की सड़कों पर लाशें हैं. यूक्रेन की सेना इन लाशों को हटाने में भी डर रही है. एजेंसी रिपोर्ट के अनुसार इन बॉडीज में विस्फोटक होने का खतरा है. इसलिए इन डेड बॉडीज को हटाने के लिए सेना तार का इस्तेमाल कर रही है.
औंधे मुंह पड़ी बॉडीज, साइकिल के साथ मरे पड़े लोग, टूटी इमारतें, सड़कों पर बिखरा पड़ा मलबा...लगता ही नहीं है कि महज एक महीना पहले ये 21वीं सदी का एक चमचमाता शहर था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने अपने रात के वीडियो संबोधन में चेतावनी दी थी कि कीव से वापस जा रहे रूसी सैनिक घरों, हथियारों और "यहां तक कि मारे गए लोगों के शवों" के आसपास बमों को लगाकर छोड़ गए हों, ताकि एक बार फिर विनाश को अंजाम दिया सके. कीव से आई तस्वीरों में सड़क पर लाशें हैं. तस्वीरों से लगता है कि इन्हें हाल में ही मारा गया है. यूक्रेन की सेना के सामने अब इन डेड बॉडीज को हटाने की चुनौती है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.