
यादव कुल में पैदा हुए अखिलेश को गौशालाओं से इतनी दुर्गन्ध क्यों आ रही है?
AajTak
देश में सदियों से गौ माता स्वच्छता की प्रतीक रही हैं. गौमाता के गोबर से पूरे घर को लीपने की परंपरा रही है. आज भी कच्चे घरों को गाय के गोबर से लीपा जाता है. देश में गाय के गोबर से बने उपलों पर खाना बनता रहा है. अखिलेश ने गौशालाओं को दुर्गंध से जोड़कर खुद के माटी का लाल होने पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है.
अखिलेश यादव ने जैसे विचार गाय और गौशालाओं को लेकर व्यक्त किए हैं वह हैरान करने वाले हैं. जिस व्यक्ति का जन्म यादव कुल में हुआ हो, जिस व्यक्ति के पिता पू्र्व सीएम गौभक्त मुलायम सिंह यादव रहे हों, उसे गाय और गोबर से कैसे इतनी नफरत हो सकती है कि उसे नाक भौं सिकोड़ने की नौबत आ जाए. अखिलेश यादव ने बुधवार को को कन्नौज में भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको दुर्गंध पसंद है, इसलिए वह गौशालाएं बना रहे हैं, जबकि समाजवादी पार्टी को सुगंध पसंद है, इसलिए हमने इत्र पार्क बनाए.
अखिलेश ने कहा कि सपा के लोग विकास और खुशहाली चाहते हैं. यह बीजेपी की नफरत की दुर्गंध है. कन्नौज के सुगंध वाले लोग दुर्गंध को हटाएं. यह बयान देकर अखिलेश यादव ने 2 हफ्ते के अंदर अपनी पार्टी पर तीसरा गोल दागा है. जाहिर है कि बीजेपी विरोध की आंच में उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है. कभी वो औरंगजेब को पीर मानने वालों पर मुग्ध होते हैं तो कभी राणा सांगा को गद्दार कहने वालों के लिए आशीर्वचन जारी करते हैं. पर गायों और गौशालाओं को दुर्गंध का कारण बताकर तो उन्होंने हद ही कर दी है. अखिलेश यादव अगर पाकिस्तान में होते तो वहां यह ब्लास्फेमी के तौर पर देखा जाता, और इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ जाता. पर यह भारत है, जहां रामचरित मानस के पन्ने जलाकर भी लोग स्वच्छंद घूमते हैं.
खुद को श्रीकृष्ण का वंशज कहने वाले अखिलेश यादव को अब गौशाला से दुर्गंध आ रही है। तुष्टिकरण में लिप्त सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सांसद रामजी लाल द्वारा महान वीर राणा सांगा को गद्दार कहने का समर्थन किया। महाकुंभ पर भी लगातार विकृत टिप्पणियाँ कीं और अब यदुवंशी समाज का तिरस्कार… pic.twitter.com/zE5gP84UbU
यादव कुल का गायों और गौशालाओं से रहा है पुराना संबंध
अखिलेश यादव अगर यादव कुल में नहीं पैदा होते तो शायद गाय के प्रति उनके नफरती बयान की बात समझ में आती. पर हिंदू धर्म में गौ माता का जो सम्मान यादवों ने किया है वो शायद किसी और ने नहीं किया होगा. महाभारत काल में ही यदूवंशी श्रीकृष्ण का जन्म एक गोपालक परिवार में होता है. उनका बचपन गाय चराते हुए गौमाताओं के बीच ही बीता. पूरे देश का यादव बहुत गर्व से खुद को श्रीकृष्ण का वंशज मानता है. स्वयं मुलायम सिंह यादव खुद के गौपालक होने पर गर्व करते थे. उन्होंने कई मंचों पर यह स्वीकार किया है कि उनके पास जितनी गायें हैं उतना देश के किसी भी नेता के पास नहीं होगी. गौ माता हमारी संस्कृति में गंगा, गायित्री, गीता, गोवर्धन एवं गोविंद की तरह पूज्य हैं.भगवान श्री कृष्णा स्वयं गौ-माता का पूजन किया करते थे, जिसमें सभी देवी-देवताओं का वास है. कहा जाता है कि जहां पर गौ माता का निवास होता है, वहां सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं. दो हफ्ते के अंतराल में 3 सेल्फ गोल किए हैं अखिलेश यादव ने
अखिलेश यादव शायद लगातार कई चुनावों में हार मिलने से पस्त हो गए हैं. उन्हें ये लगने लगा है कि 2027 में भी बाजी उनके हाथ नहीं लगने वाली है. जिस तरह बीजेपी आक्रामक ढंग से यूपी को लेकर रणनीति बना रही है उसका परिणाम यह है कि अखिलेश यादव गलतियां पर गलतियां करते जा रहे हैं. पिछले 2 हफ्ते में उन्होंने जिस तरह औरंगजेब को रहमतुल्लाह अलैह कहने वालों का समर्थन किया, जिस तरह राणा सांगा को गद्दार कहने वालों का समर्थन किया वो पार्टी के भविष्य के लिए किसी भी रूप में सही नहीं है. अखिलेश यादव को ये लगता होगा कि इसके चलते मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण उनके पक्ष में होगा पर इसका बड़ा नुकसान होने वाला है. यादव समुदाय के युवा सोशल मीडिया पर औरंगजेब और राणा सांगा को लेकर अखिलेश यादव के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. जाहिर है कि गौशाला से दुर्गंध आने वाले बयान पर अखिलेश यादव को जवाब देना मुश्किल होने वाला है.

अगर वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को ऐसे ही डिक्लेयर कर देगा कि यह वक्फ की जमीन है तो उसका तो हिसाब-किताब होना चाहिए. हम ट्रांसपेरेंसी ला रहे हैं. जो आम मुसलमान हैं- चाहे वो दरगाह के हों, चाहे वो अलग-अलग संगठन में हों... सब लोग समर्थन कर रहे हैं. वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध करने वाले वो लोग हैं, जो करोड़ों की वक्फ जमीन को कब्जा करके बैठे हैं.

IPL 2025 सीजन में एक बात सबसे ज्यादा ट्रेंड और चर्चाओं में रही है, वह महेंद्र सिंह धोनी का बैटिंग ऑर्डर है. चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) टीम को 5 बार खिताब जिताने वाले पूर्व कप्तान धोनी इस सीजन में निचले क्रम में बैटिंग के लिए आ रहे हैं. कभी वो 8वें नंबर पर उतरते हैं, तो कभी 9वें नंबर पर खिसक जाते हैं. इसका नतीजा उनकी टीम को भुगतना पड़ रहा है.

औरंगजेब विवाद में एमएनएस चीफ राज ठाकरे की इंट्री हो गई है. राज ठाकरे ने कहा कि फिल्म देखकर जागने वाले किसी काम के नाम नहीं है. उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप से लोग इतिहास पढ़ना बंद करें और किताब का गहराई से अध्ययन करें. ठाकरे ने कल कहा कि औरंगजेब शिवाजी के विचारों को मिटाना चाहता था लेकिन खुद दफ्न हो गया. देखें वीडियो.