यादगार होगा अगला बजट, GST जैसा कदम... इनकम टैक्स में 'नया-पुराना' झोल बन जाएगा इतिहास?
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Income Tax Rule: सरकार ने जब बजट 2020 में न्यू टैक्स रिजीम को लागू किया तो लोग इसे अपनाने से कतरा रहे थे, क्योंकि उस समय न्यू टैक्स सिस्टम के मुकाबले ओल्ड टैक्स सिस्टम (Old Tax System) ज्यादा बेहतर और फायदेमंद लग रह रहा था.
क्या यादगार होगा अगला बजट? खासकर आयकर के मामले में सरकार कुछ बड़ा करने वाली है. इस सरकार ने कई बार देश को चौंकाया है. इसका बड़ा उदाहरण है वस्तु एंव सेवा कर यानी GST. मोदी सरकार से पहले भी GST लागू करने पर चर्चा होती थी. मुश्किल काम था... लेकिन कर दिया. अब लोग GST से पहले देश में जिस तरह की टैक्स व्यवस्था थी, उसे भूलने लगे हैं.
दरअसल, दर्जनों तरह के टैक्स सिस्टम को खत्म कर सरकार ने GST को लागू किया. भले ही, अब भी कुछ लोगों में GST को लेकर परेशानी है, लेकिन पुराना टैक्स सिस्टम को मोदी सरकार ने झटके में अंत कर दिया. क्या इसी तरह का कुछ आयकर नियम के साथ भी हो सकता है? इसके कई कारण और संकेत भी मिल रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई के बजट में 6 महीने के भीतर 6 दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी.
आयकर को लेकर बजट में बड़ा बदलाव संभव
जहां तक आयकर में बदलाव की बात है, तो हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 65 फीसदी से ज्यादा करदाता न्यू टैक्स रिजीम (New tax Regime) को अपना चुके हैं, यानी हर 3 में से 2 लोग न्यू टैक्स रिजीम के तहत आयकर फाइल कर रहे हैं. इस डेटा में पिछले एक साल के दौरान ज्यादा बदलाव आया है, क्योंकि सरकार ने जब बजट 2020 में न्यू टैक्स रिजीम को लागू किया तो लोग इसे अपनाने से कतरा रहे थे, क्योंकि उस समय न्यू टैक्स सिस्टम के मुकाबले ओल्ड टैक्स सिस्टम (Old Tax System) ज्यादा बेहतर और फायदेमंद लग रह रहा था. लेकिन अब सरकार का फोकस न्यू टैक्स रिजीम पर है... इसलिए उसमें लगातार बदलाव हो रहा है. जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम ज्यों का त्यों है.
पिछले साल जुलाई में बजट के दौरान सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये तक कर दिया. लेकिन ओल्ड टैक्स सिस्टम में अब भी स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50000 रुपये है. इसके अलावा न्यू टैक्स स्लैब (New Tax Slab) में भी बदलाव किया गया, जो आयकर दाताओं को अब आकर्षक लग रहा है. सरकार की कोशिश है कि लोग के पास एक सहज आयकर सिस्टम हो, जिसे लोग आसानी से अपनाएं और उसे महसूस करे. साथ ही उस बदलाव पॉजीटिव मैसेज जनता में जाएं, और उसका दूरगामी परिणाम हो.
बदलाव के बाद न्यू टैक्स रिजीम- ₹0-₹3 लाख: शून्य ₹3-₹7 लाख: 5% ₹7-₹10 लाख: 10% ₹10-₹12 लाख: 15% ₹12-₹15 लाख: 20% ₹15 लाख से अधिक: 30%
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