मिलिए स्लम के बच्चों को फर्राटेदार अंग्रेजी सिखा रहीं 82 साल की इन टीचर से, बदलीं सैकड़ों जिंदगियां
AajTak
अक्सर लोग रिटायरमेंट के बाद अपने बच्चों के साथ अपनी जिंदगी प्लान करते हैं. कुछ लोग रिटायरमेंट के बाद बोरियत का शिकार हो जाते हैं. लेकिन ये कहानी ऐसी शिक्षिका की है जो रिटायरमेंट के 22 साल भी पूरी तरह एक्टिव हैं, क्योंकि इन्होंने समाज के वंचितों को अपना बाकी का जीवन समर्पित करने का प्रण किया था. आज उनकी मुहिम रंग ला चुकी है, उनके पढ़ाए बच्चे आईआईटी तक का सफर पूरा कर रहे हैं.
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले रिक्शाचालक या दिहाड़ी मजदूर के बच्चे भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोल सकें. वो ग्रामर में भी इतने मजबूत हों कि उन्हें अंग्रेजी लिखने में भी कोई दिक्कत न आए...कॉलेज में अंग्रेजी की प्रोफेसर रही श्यामा रैना ने कभी ये सपना देखा था, अब 82 की उम्र में वो अपना सपना सच कर चुकी हैं. उनके पढ़ाए बच्चे न सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं, बल्कि उनमें से कई बच्चे अच्छी अंग्रेजी के सहारे आईआईटी, नर्सिंग, टीचिंग से लेकर फैशन करियर तक आगे बढ़ चुके हैं.
श्यामा रैना का कहना है कि जब ये बच्चे अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते हैं तो मुझे मन की जो शांति मिलती है वो न आज तक अपने सैलरी वाले जॉब में मिली और न ही किसी और दूसरे काम में. जिस वर्ग के बच्चों को मैं 22 सालों से पढ़ा रही हूं, वो एक साल के भीतर ही न सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगते हैं बल्कि उनका अंग्रेजी ज्ञान और लेखन भी सुधर जाता है. ज्यादातर बच्चों ने अंग्रेजी विषय में बोर्ड परीक्षाओं में 90 पर्सेट तक नंबर भी हासिल किए हैं.
37 साल रहीं प्रोफेसर, अब दे रहीं मुफ्त शिक्षा
अपनी उम्र के 82वें साल में भी वो जरूरतमंद बच्चों को पढ़ा रही हैं. खुद कैब बुक करके बिना कोई फीस लिए सिर्फ इन बच्चों की खातिर घर से दूर जाना ही श्यामा रैना को ऊर्जावान रखता है. वो बताती हैं कि अपनी जिंदगी के 37 साल तक वीएमएल गर्ल्स कॉलेज में पढ़ाया. फिर रिटायरमेंट के अगले ही दिन से इन बच्चों को पढ़ाने में जुट गई जो महंगा स्कूल-कॉलेज अफोर्ड नहीं कर सकते थे. सेक्टर 62 में स्थित योगदा आश्रम के स्कूल में वो नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को अंग्रेजी भाषा सिखाती हैं.
श्यामा बताती हैं कि मैं बहुत छोटी उम्र से ही टीचर बनना चाहती थी. मेरा पसंदीदा विषय अंग्रेजी था तो अपनी पूरी पढ़ाई अंग्रेजी में ही की, इसके बाद गवर्नमेंट एडेड कॉलेज में पढ़ाने लगी. यहां उन्होंने हॉस्टल वार्डन की जिम्मेदारी भी निभाई. कॉलेज, हॉस्टल और फिर दो बेटियों वाली अपनी फैमिली को संभालने के बीच उन्हें समाज के वंचित वर्ग को देने के लिए समय नहीं मिल पाता था. मगर रिटायर होने के अगले ही दिन वो इस सपने की तरफ मुड़ गई थी. वो बताती हैं कि मेरा हमेशा से आध्यात्मिक जुड़ाव परमहंस योगानंद से रहा है. जब सेक्टर 62 में आश्रम के पास मैंने देखा था कि यहां कामगारों के काफी बच्चे रहते हैं, लेकिन आर्थिक हालातों के चलते ये बच्चे ट्यूशन या कोचिंग नहीं पढ़ सकते. मैंने इन बच्चों को इकट्ठा करना शुरू किया और पढ़ाना शुरू किया. पहले तो मैं सारे विषय खुद ही पढ़ाती थी फिर और शिक्षक भी जुड़े और दूसरे विषय भी पढ़ाने लगे. इस तरह आश्रम में ही एक निशुल्क स्कूल शुरू हो गया.
क्या है अंग्रेजी सिखाने का मेथड बच्चों को अंग्रेजी में प्रवीण करने में मेरा 37 साल का शिक्षण का अनुभव बहुत काम आया. मैंने नौवीं दसवीं के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था ताकि इनका बेस मजबूत हो और 12वीं तक पहुंचते पहुंचते अंग्रेजी में महारथी हो जाएं. यहां करीब 100 बच्चों का एक बैच होता है, इनमें 20 से 25 बच्चे नौवीं में और ऐसे ही 10वीं, 11वीं और 12वीं तक हर क्लास में बच्चे हैं जिन्हें मुफ्त शिक्षा मिलती है. मैं इन बच्चों को ग्रामर सिखाने पर ज्यादा जोर देती हूं, धीरे धीरे ये अंग्रेजी में लिखने में महारत हासिल कर लेते हैं. इस तरह इंग्लिश स्पीकिंग भी काफी आसान हो जाती है.
दिग्गज चिपमेकर कंपनी एनवीडिया, एआई की दुनिया में एक जाना माना नाम है. कंपनी एआई पर लगातार काम कर रही है, और नए नए टूल्स को लॉन्च कर रही हैं, और इन सब के बीच अब एनवीडिया ने अपने नए पर्सनल एआई सुपरकंप्यूटर को लॉन्च कर दिया है. तो आइए अब वीडियो में इस नए एआई सुपरकंप्यूटर के बारे में थोड़ा डिटेल में जानते हैं.
Paush Putrada Ekadashi 2025: 10 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी है. पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति, संतान की समस्याओं के निवारण के लिए किया जाने वाला व्रत है. पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत दो प्रकार से रखा जाता है. निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत. निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए. सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए.
ChatGPT मेकर Sam Altman फिलहाल तो सेक्शुअल एब्यूज को लेकर चर्चा में हैं. लेकिन उन्होंने अपने ब्लॉगपोस्ट में AI Agents के बारे में लिखा है. Open AI हेड सैम ऑल्टमैन को पूरी उम्मीद है अब जमाना AI Agents का है. इसे अचीव करने के लिए सुपर इंटेलिजेंस की जरूरत पड़ेगी यानी अब AGI आने वाला है. AGI यानी आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस जो इंसानों की तरह कॉग्नेटिव थिंकिंग कर सकता है. AGI को इंसानियत के लिए खतरा भी माना जाता है. आइए जानते हैं AI Agents क्या होते हैं.
रामजस कॉलेज में प्रोफेसर पर नाबालिग छात्रा से यौन शोषण का आरोप, प्रदर्शन में भिड़े ABVP-SFI के छात्र
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में यौन शोषण के आरोपों के बाद छात्रों के बीच हिंसक झड़प हो गई. छात्रों ने एक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जबकि कॉलेज प्रशासन ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाया. इस बीच, ABVP और SFI के कुछ छात्र आपस में भिड़ गए.