मॉडर्न युग के राजा-महाराजा, उनकी बेशुमार दौलत और रईसी के किस्से... दुनिया के इन 40 देशों में आज भी है किंगशिप
AajTak
राजा-महाराजाओं का शासन भले ही हमारे देश में बीते जमाने की बात हो गई हो लेकिन दुनिया के कई देश अभी भी किंगशिप यानी शाही शासन में हैं. जहां राजाओं का निरंकुश शासन है, उनके पास राजमहल, सेना, बेशुमार दौलत, सोने-चांदी का खजाना और जो भी चाहें कर पाने का निरंकुश पावर है. आइए जानते हैं किन देशों में राजाओं का आज भी शासन है और कैसी है उनकी लाइफस्टाइल.
आलीशान राजमहल, शाही ठाट-बाट, नौकर-चाकर, हाथी-घोड़े, रथ, सैनिकों का अमला, बेशुमार दौलत, सोने-चांदी-हीरे का खजाना और राजा-महाराजाओं की रईसी... भले ही आज दुनिया बदल गई हो, मॉडर्न युग में लोगों के रहन-सहन का तरीका तेजी से बदल रहा हो लेकिन पुराने जमाने के राजा-महाराजाओं की शानों-शौकत आज भी लोगों के लिए एक ड्रीम है. भले ही आम लोगों की जिंदगी सीधी-सादी हो लेकिन हर कोई राजा-महाराजाओं की तरह रहना जरूर चाहता है. आप जानकर हैरान होंगे कि आज भी दुनिया के कई देशों में राजाओं का शासन है और इनमें से कई राजा तो अपनी सेनाओं के बल पर अपनी जनता पर पूरी तरह से निरंकुश शासन भी चलाते हैं.
आज भले ही दुनिया के 200 से अधिक देशों में लोकतांत्रिक सरकारे या सिस्टम हों लेकिन 40 से अधिक देश अब भी ऐसे हैं जहां राजा-महाराजाओं का शासन चलता है और पुराने जमाने की तरह इन देशों में राजा-महाराजाओं की शानों-शौकत और जलवा आज भी बरकरार है. ओमान, ब्रूनेई, कंबोडिया, भूटान, लग्मजबर्ग, बेल्जियम, स्वाजीलैंड, स्वीडन, एन्डोरा, लेसोथो, नीदरलैंड, बहरीन, जापान, स्पेन, थाईलैंड, कतर, डेनमार्क, जॉर्डन, मोरक्को, मोनाको, मलेशिया, कुवैत, टोंगा, सऊदी अरब, ब्रिटेन, नॉर्वे जैसे देशों में विभिन्न राजाओं का शासन है तो एंटिगा-बरबूडा, ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, बेलिड, कनाडा, ग्रेनाडा, जमैका, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, सेंट किट्स, नेविस, सेंट लुसिया, सेंट विंसेंट, ग्रेनाडाइन्स, सोलोमन आईलैंड, बहामास, तुवालू आदि ऐसे देश हैं जो ब्रिटिश रॉयल फैमिली के अंडर में शाही सिस्टम का लाभ उठा रहे हैं.
शाही खानदानों की रईसी देखकर हो जाएंगे हैरान न सिर्फ इन देशों में राज परिवारों की रॉयल जिंदगी जारी है बल्कि राजा-महाराजा-प्रिंस-प्रिंसेज-सम्राट-साम्राज्ञी जैसे भारी-भरकम टाइटल भी इन राजाओं ने अपने लिए तय कर रखे हैं. ब्रिटेन और सऊदी अरब के शाही परिवारों की शानों-शौकत तो पूरी दुनिया ने देखी है लेकिन हम आपको उन राजाओं के रईसी और रॉयल लाइफस्टाइल के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें दुनिया में कम लोग ही जानते हैं लेकिन इनकी लग्जरी लाइफस्टाइल को जान कर सबके मन में ईर्ष्या का भाव ही आएगा.
दुनिया में आज भी करीब 40 देश ऐसे हैं जहां राजशाही और राजवंशों का शासन चलता है. कई देशों में राजाओं के पास आज भी निरंकुश अधिकार है और वह पूरे ऐशो-आराम से रहते हैं. सख्ती के साथ लोगों पर शासन करते हैं और अपने हिसाब से जैसी चाहें सजाएं देते हैं. दुनिया में एक से एक अमीर शाही फैमिलीज हैं. सऊदी शाही परिवार के पास अरबों की संपत्ति है. वहीं ब्रिटेन की रॉयल फैमिली के पास अनुमानित 530 मिलियन डॉलर की बेशुमार संपत्ति है और बकिंघम पैलेस समेत कई शाही राजमहल हैं.
थाई किंग के किस्से हैं रोचक थाईलैंड के 70 साल के किंग वजीरालोंगकोर्न अपनी रईसी भरी लाइफस्टाइल के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. उन्होंने राम दशम की उपाधि धारण की है. देश में प्रधानमंत्री होने के बावजूद किंग के पास अपनी अलग सेना, राजमहल, ढेर सारे अधिकार और बेशुमार दौलत है. थाई राजपरिवार के पास 16210 एकड़ जमीन है. जबकि देशभर में 40 हजार संपत्तियों के रेंटल कॉन्ट्रैक्ट हैं. देश की कई कंपनियों में किंग के शेयर्स भी हैं. इसके अलावा थाई किंग के कब्जे में गोल्डन जुबली डायमंड भी है जो कि दुनिया का सबसे बड़ा कट-फेसेटेड हीरा है. थाई किंग की कुल संपत्ति 43 बिलियन डॉलर है.
किंग की रईसी के किस्से काफी मशहूर हैं. पिछले साल जब देश में कोरोना संकट आया था तो सेफ रहने के लिए किंग अपने काफिले के साथ जर्मन शहर म्यूनिख चले गए थे. किंग के काफिले में नौकर-चाकर समेत 250 लोग थे. उनके साथ उनके फेवरेट 30 कुत्ते भी म्युनिख गए थे. एयरपोर्ट के पास एक लग्जरी होटल का पूरा एक मंजिल थाई किंग के काफिले के लिए कई हफ्तों के लिए बुक था. थाई किंग को अपने कुत्तों से बेहद लगाव है. उन्होंने अपने पालतू कुत्ते पूडल फू-फू को एयर चीफ मार्शल के पद पर पदोन्नत किया था जिसकी काफी आलोचना भी हुई थी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.