!['मेरा भारत महान...', महाकुंभ पहुंचे रूसी, स्पेनिश और अफ्रीकी श्रद्धालु, दिखाई अद्भुत आस्था](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202501/6784995b5184c-foreign-devotees-mahakumbh-2025-faith-mera-bharat-mahaan-134053624-16x9.jpg)
'मेरा भारत महान...', महाकुंभ पहुंचे रूसी, स्पेनिश और अफ्रीकी श्रद्धालु, दिखाई अद्भुत आस्था
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प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज से हो गया. संगम तट पर श्रद्धालुओं, साधु-संतों और संन्यासियों का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा है. पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ का पहला 'शाही स्नान' किया जा रहा है. इस दुर्लभ खगोलीय संयोग को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है, जो 144 वर्षों में केवल एक बार होता है.
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज से हो गया. संगम तट पर श्रद्धालुओं, साधु-संतों और संन्यासियों का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा है. पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ का पहला 'शाही स्नान' किया जा रहा है. इस दुर्लभ खगोलीय संयोग को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है, जो 144 वर्षों में केवल एक बार होता है.
विदेशी श्रद्धालुओं ने जताई खुशी महाकुंभ में शामिल होने के लिए दुनियाभर से लोग पहुंचे हैं. एक रूसी श्रद्धालु ने महाकुंभ की दिव्यता देखकर कहा कि मेरा भारत महान. हम पहली बार कुंभ मेले में आए हैं. यहां हमें असली भारत देखने को मिला है. इस पवित्र स्थान की ऊर्जा से मैं कांप रही हूं. मुझे भारत से प्यार है.
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केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस महाकुंभ में 15 लाख से अधिक विदेशी पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है. इन श्रद्धालुओं में भारत की संस्कृति और आस्था के प्रति गहरा सम्मान देखा जा रहा है.
सफाई और व्यवस्थाओं की तारीफ दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि यहां का माहौल अद्भुत है. सड़कें साफ-सुथरी हैं और लोग बहुत मिलनसार हैं. हम सनातन धर्म का पालन करते हैं, और यहां आकर हमें जो अनुभव मिला, वह अविस्मरणीय है.
महाकुंभ में दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से आईं श्रद्धालु निक्की यहां के अद्भुत माहौल को देखकर अभिभूत हैं. अपनी भावनाएं शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुभव बेहद शक्तिशाली है. गंगा नदी पर आकर हम स्वयं को बेहद धन्य और खुशकिस्मत महसूस कर रहे हैं.
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प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान शासन-प्रशासन हर मोर्चे पर चौकस रहा. योगी आदित्यनाथ ने सुबह 4 बजे से ही व्यवस्थाओं पर नजर रखी थी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रेनों और बसों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें.
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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.