मुजफ्फरनगर में स्कूली बच्चे की पिटाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, FIR दर्ज कर जांच की मांग
AajTak
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक द्वारा छात्रों से सहपाठी को थप्पड़ मारने के लिए कहने का वायरल वीडियो सामने आने के कुछ दिनों बाद, महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने मंगलवार को एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक द्वारा छात्रों से सहपाठी को थप्पड़ मारने के लिए कहने का वायरल वीडियो सामने आने के कुछ दिनों बाद, महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने मंगलवार को एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने इस मामले में स्वतंत्र जांच की भी मांग की.
न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की अध्यक्षता वाली पीठ बुधवार को मामले की सुनवाई करेगी. पुलिस के मुताबिक, एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 और 504 के तहत दर्ज की गई थी. अभी तक शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
जिस मुस्लिम लड़के को सहपाठियों ने बुरी तरह पीटा था, उसके परिवार ने शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. रिपोर्टों के मुताबिक, त्यागी ने घटना में किसी भी सांप्रदायिक कोण से इनकार किया और आरोप लगाया कि लड़के को अपना होमवर्क नहीं करने के लिए दंडित किया जा रहा था. इसलिए उसे छात्रों से अपनी ओर से अपने सहपाठी को दंडित करने के लिए कहने के लिए मजबूर होना पड़ा.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उत्तर प्रदेश पुलिस से उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है.
दरअसल, यह मामला मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव का है. यहां प्राइवेट स्कूल की टीचर तृप्ता त्यागी एक बच्चे को अन्य बच्चों से पिटवा रही थी. बच्चे की गलती बस इतनी थी कि उसने पहाड़ा नहीं याद किया था. इसी बात पर टीचर को इतना गुस्सा आया कि बच्चे को बुरी तरह पिटवाया.
इस मामले में पीड़ित बच्चे ने कहा, "मैंने पहाड़ा (Multiplication table) नहीं याद किया था, इसलिए मेरे सहपाठियों ने थप्पड़ मारा. ऐसा करने के लिए उनसे टीचर ने कहा था. इसके बाद उन्होंने मुझे एक घंटे तक पीटा". बच्चे के चचेरे भाई ने बनाया कि वो किसी काम से स्कूल गया था. वहां देखा कि टीचर अन्य बच्चों से भाई को थप्पड़ मारने के लिए कह रही थी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.