!['मुइज्जू सरकार जितनी जल्दी हो सके माफी मांगें', भारत से राजनयिक विवाद पर बोले मालदीव के विपक्षी सांसद](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202401/659dfe3c4d1f4-20240110-101731493-16x9.jpeg)
'मुइज्जू सरकार जितनी जल्दी हो सके माफी मांगें', भारत से राजनयिक विवाद पर बोले मालदीव के विपक्षी सांसद
AajTak
मालदीव की विपक्षी एमडीपी पार्टी के सांसद मीकैल अहमद नसीम इस प्रस्ताव में पीएम मोदी पर टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों को पद से हटाने की भी मांग की है. साथ ही इस पूरी घटना को लेकर मुइज्जू सरकार औपचारिक तौर पर माफी मांगें. इस पूरे मामले पर मीकैल से बातचीत का ब्योरा यहां हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी ने सरकार को चारों ओर से घेर लिया है. विपक्षी एमडीपी पार्टी के सांसद मीकैल अहमद नसीम ने इस पूरे घटनाक्रम पर विदेश मंत्री से जवाब मांगने के लिए प्रस्ताव पेश किया.
इस प्रस्ताव में पीएम मोदी पर टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों को पद से हटाने की भी मांग की है. साथ ही इस पूरी घटना को लेकर मुइज्जू सरकार औपचारिक तौर पर माफी मांगें. इस पूरे मामले पर मीकैल से बातचीत का ब्योरा यहां हैं.
आपने संसद में जो प्रस्ताव पेश किया है. उसके जरिए सरकार से आपकी क्या मांग है?
मैंने स्पीकर से अनुरोध किया है कि वे विदेश मंत्री को संसद में तलब करें, जहां हम उनसे पूछ सकें कि इस पूरे मामले पर सरकार ने अभी तक औपचारिक माफी क्यों नहीं मांगी है. दूसरा, अभी तक उन डिप्टी मंत्रियों को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है, जो इस पूरे मामले में शामिल थे. हम संसद में विदेश मंत्री से ये सवाल पूछेंगे. मैंने साथ ही उन तीनों मंत्रियों को भी संसद की विदेश मामलों की समिति के समक्ष बुलाने का अनुरोध किया है. मुझे लगता है कि दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि सरकार की ओर से इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. हम, मालदीव के लोग एक अधिक स्पष्ट जवाब चाहते हैं कि आखिर सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए क्या करेगी.
पीएम मोदी पर टिप्पणी करने के लिए मालदीव के तीनों मंत्रियों को सस्पेंड किया गया है, लेकिन उन्हें टर्मिनेट नहीं किया गया. ऐसे में विपक्ष यही सवाल उठा रहा है कि क्या मंत्रियों का टर्मिनेशन होगा. आपको क्या लगता है?
हम बहुत निराश हैं कि सरकार भारत के साथ हमारे सदियों पुराने संबंधों को तवज्जो देने के बजाए इन मंत्रियों के साथ अपनी घनिष्ठता को महत्व दे रही है. मुझे लगता है कि इन मंत्रियों की मौजूदा सरकार के साथ जो भी साझेदारी है, वह अन्य संबंधों की तुलना में भारी पड़ी है. एक राष्ट्र होने के नाते दुनियाभर में अच्छा अंतर्राष्ट्रीय रुख अख्तियार करने और राजनयिक संबंध बनाए रखने के लिए हमें इन कदमों को उठाना बहुत जरूरी है.
![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
![](/newspic/picid-1269750-20250214171223.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
![](/newspic/picid-1269750-20250214141339.jpg)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
![](/newspic/picid-1269750-20250214112147.jpg)
रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
![](/newspic/picid-1269750-20250214095639.jpg)
PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.