मिजोरम: पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत, कई मजदूर फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
AajTak
मिजोरम की एक खदान में भीषण हादसा हुआ है. यहां एक पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई है. हादसे के बाद शुरू किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में 2 लोगों को बचा लिया गया है. सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है.
मिजोरम की एक खदान में भीषण हादसा हुआ है. यहां एक पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई है. हादसे के बाद शुरू किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में 2 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. कई मजदूर अभी मलबे में फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जिन 10 लाशों को निकाला गया है, उसमें 6 मिजोरम के नहीं है. जबकि, बाकी लाशों की पहचान करना बाकी है. जिन दो लोगों को रेस्क्यू किया गया है, उनमें से एक मिजोरम का जबकि एक बाहर का है.
हादसा मिजोरम की राजधानी आइजोल में हुआ है. यहां रेमल साइक्लोन के कारण पहले ही काफी तबाही देखने को मिली थी. इस बीच मंगलवार (28 मई) की सुबह करीब 6 बजे के आसपास आइजोल की मेल्थम और ह्लिमेन सीमा पर एक पत्थर की खदान ढह गई. खदान ढहने से आसपास के कई घर भी तबाह हो गए हैं.
मिजोरम में पहले भी हो चुका है हादसा
मिजोरम में ठीक ऐसा ही एक हादसा दो साल पहले भी हो चुका है. प्रदेश के हनथियाल जिले में 14 नवंबर 2022 को एक पत्थर की खदान ढह गई थी. खनन के दौरान कई बड़े-बड़े पत्थर ऊपर से टूटकर मजदूरों पर गिर पड़े थे, जिसके मलबे के ढेर में 12 मजदूर दब गए थे. असम राइफल्स और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) स्थानीय पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया था, जिसके बाद खदान में दबे 11 मजदूरों के शव बरामद किए गए थे.
(रिपोर्ट: बिकास छेत्री)
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.