मायावती ने अपने उत्तराधिकारी आकाश आनंद को पद से क्यों हटाया? सबके अपने-अपने तर्क
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती को आकाश आनंद से पद से हटाए जाने के फैसले पर अलग-अलग दलों की प्रतिक्रियाएं हैं. एक ओर बीजेपी ने कहा कि आकाश आनंद गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे थे, इसलिए एक्शन लिया गया है. वहीं सपा-कांग्रेस का कहना है कि आकाश लगातार बीजेपी से सवाल पूछ रहे थे, इसलिए उन्हें हटाया गया है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के बीच अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोओर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद से हटा दिया है. मायावती ने उन्हें पिछले साल दिसंबर में ही अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. बीएसपी चीफ के इस फैसले पर सभी पार्टियों के अपने-अपने तर्क हैं.
पूर्व सीएम के इस फैसले पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि मायावती बहुजन समाज पार्टी को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाती हैं और इसीलिए जब उनके जी में जो आता है और वह जो निर्णय करना चाहती हैं वैसा निर्णय कर देती हैं क्योंकि वहां सिर्फ एक ही हैं जो वो चाहती हैं वही होता है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "आकाश आनंद जिस तरीके से गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे थे और भाजपा को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे थे. इसको लेकर जनता के बीच आक्रोश उत्पन्न हो रहा था और इसी नाते मायावती जी ने इस बात को महसूस किया और इसलिए आकाश आनंद को तमाम जिम्मेदारियां से मुक्त करने का काम किया, लेकिन मायावती जोकि बहुजन समाज पार्टी को एक मिशन की तरह माना करती थीं जो अब कमीशन में तब्दील हो गया है. क्या वह इसमें कुछ बदलाव कर पाएंगी? क्या परिवार के अलावा किसी सामान्य दलित को पार्टी की कमान सौंप पाएंगी? यह आने वाले समय में देखा जाएगा कि मायावती जी परिवारवाद से मुक्त हो पाएंगी या नहीं."
आकाश आनंद के आक्रामक तेवर या फिर खुद की विरासत बचाने की कवायद? मायावती के फैसले की INSIDE STORY
आकाश आनंद को हटाए जाने पर सपा क्या बोली?
वहीं सपा ने आरोप लगाया है कि बसपा और भारतीय जनता पार्टी का अघोषित गठबंधन है, जिसको जनता देख रही है क्योंकि जिस तरीके से बसपा के टिकट का बंटवारा हुआ और कई उम्मीदवारों को बदलने का फैसला लिया गया. इसमें कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव नजर आता है.
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