महुआ मोइत्रा की सांसदी गई, लोकसभा में विपक्ष ने उठाए ये 3 सवाल, BJP ने एक-एक कर दिए सबके जवाब
AajTak
महुआ मोइत्रा के मामले में शुक्रवार को संसद में दिन भर चर्चा हुई. इस दौरान, कांग्रेस से लेकर कई विपक्षी दलों के सांसदों ने महुआ का सपोर्ट किया तो वहीं बीजेपी सांसदों ने विपक्ष समेत टीएमसी पर जमकर निशाना साधा.
जोरदार हंगामे के बीच आखिरकार शुक्रवार को लोकसभा में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने का प्रस्ताव पास हो गया और प्रस्ताव पास होने के साथ ही महुआ की संसद सदस्यता भी रद्द हो गई. इससे पहले लोकसभा में इस मुद्दे पर जोरदार बहस हुई. विपक्ष ने इस प्रस्ताव को लेकर 3 गंभीर सवाल उठाए, जिनका बीजेपी ने एक एक करके जवाब दिया.
1. दरअसल, विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया कि आखिर प्रस्ताव पास करने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है. आज ही 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आई है और 2 बजे इस पर चर्चा शुरू कर दी गई. इस पर महाराष्ट्र से बीजेपी सांसद हिना गावीत ने कहा कि उन्होंने इन दो घंटों में पूरी रिपोर्ट पढ़ ली है. इस रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि किस तरह महुआ ने अपना संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड किसी और को दे दिया. इसलिए प्रस्ताव पर चर्चा एकदम ठीक समय पर की जा रही है.
2. विपक्ष की तरफ से टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने यह सवाल किया कि आखिर जिस शख्स (महुआ मोइत्रा) पर आरोप लगे हैं. उन्हें अपनी सफाई पेश करने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है. इस पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कैश फॉर क्वेरी के ही एक मामले में साल 2005 में दस सांसदों को निष्काषित किया गया था. उस समय भी किसी सांसद को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया और जल्दबाजी में उसी दिन सभी पर कार्रवाई कर दी गई थी.
3. तीसरा सवाल विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किया. उन्होंने पूछा कि अगर इस मुद्दे पर आज चर्चा की जानी थी और प्रस्ताव आना था तो राजनैतिक दलों ने अपनी पार्टी के सांसदों को तीन लाइन का व्हीप क्यों जारी किया. मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि इससे ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी अदालत के जज को कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इस पर जवाब देते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि यह संसद है कोई अदालत नहीं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन को अदालत कहकर संबोधित ना किया जाए.
3-4 दिन की मोहलत दी जाए- अधीर रंजन
संसद में चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महुआ पर जो रिपोर्ट आई है. उसमें 106 पेज हैं. एनेक्सर मिलाकर 495 पेज हैं. कोई इंसान इतनी जल्दी यानी दो घंटे में इतनी बड़ी रिपोर्ट को कैसे पढ़ सकता है. उन्होंने कांग्रेस की तरफ से मांग की कि इस पर चर्चा के लिए 3-4 दिन की मोहलत दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि किसी के खिलाफ कोई शिकायत है तो उन्हें बोलने का मौका भी मिलना चाहिए.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.