महिला आरक्षण बिल: OBC को छोड़ क्या मोदी के दबाव के आगे झुक गया विपक्ष?
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तेजस्वी यादव की एक मजबूरी जरूर थी कि आरजेडी के पास लोक सभा में एक भी सांसद नहीं है, लेकिन जो बातें उनकी तरफ से अब शुरू की गयी हैं, पहले भी तो की जा सकती थीं - विपक्ष के पास कोई विकल्प ही नहीं बचा था या फिर वो बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में झुक गया?
ये तो नहीं कह सकते कि तेजस्वी यादव महिला आरक्षण बिल को लेकर चुप थे, लेकिन अब जो बोल रहे हैं, वैसा तो पहले नहीं कहा. कम से कम हाल फिलहाल तो ईंट से ईंट बजाने वाली बात उनके मुंह से सुनने को तो नहीं ही मिली थी.
जो तल्ख तेवर तेजस्वी यादव ने OBC के लिए महिला आरक्षण बिल को लेकर अभी दिखाया है, एक बार उनके पिता लालू यादव ने जरूर जनगणना का बहिष्कार करने की धमकी दी थी. आरजेडी नेता लालू यादव ने कहा था कि अगर केंद्र की मोदी सरकार ने जातीय जनगणना नहीं कराया तो पिछड़े वर्ग के लोग देश की जनगणना का सीधे सीधे बहिष्कार कर देंगे. हालांकि, ये बात बिहार में जातीय सर्वे कराये जाने के पहले की है.
महिला आरक्षण बिल के लोक सभा में पास होने से पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने संसद में OBC महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण देने की मांग संसद में रख दी थी. कांग्रेस नेतृत्व का ये रुख भी पहले जैसा नहीं था. समझा गया कि कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन INDIA को मजबूत करने के लिए मुद्दे से बैकफुट पर चले जाने का फैसला किया है.
ये ठीक है कि आरजेडी के पास लोक सभा में एक भी सांसद नहीं है लेकिन जो बातें बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की तरफ से अब शुरू की गयी हैं, पहले भी की जा सकती थी - क्या विपक्ष बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में झुक गया या विपक्ष के पास कोई विकल्प बचा ही नहीं था?
विपक्ष के सामने ऐसी भी क्या मजबूरी थी?
सोशल साइट X पर तेजस्वी यादव ने अपनी तरफ से बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगाह करने की कोशिश की है, 'OBC लड़ाका वर्ग है... मोदी सरकार अच्छे से जान लें अगर बीजेपी ने देश की 60 फीसदी ओबीसी आबादी का हक खाने का दुस्साहस किया तो ओबीसी इनकी ईंट से ईंट बजा देगा.'
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