महाराष्ट्र: 10वीं के इम्तिहान को लेकर पसोपेश में छात्र, 1 जून का इंतजार
AajTak
परीक्षाएं कराने के लिए पीआईएल डाल कर मांग करने वाले प्रोफेसर धनंजय कुलकर्णी का कहना है कि बिना परीक्षा लिए सर्टिफिकेट देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इसी पर पुणे में दसवीं के छात्र रिशान सरोडे ने दखल याचिका फाइल कर छात्र के नाते उसका भी पक्ष सुने जाने की गुहार लगाई है.
महाराष्ट्र में दसवीं की परीक्षाओं को लेकर बच्चे दुविधा में हैं. मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में हैं. परीक्षाएं कराने के लिए पीआईएल डाल कर मांग करने वाले प्रोफेसर धनंजय कुलकर्णी का कहना है कि बिना परीक्षा लिए सर्टिफिकेट देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इसी पर पुणे में दसवीं के छात्र रिशान सरोडे ने दखल याचिका फाइल कर छात्र के नाते उसका भी पक्ष सुने जाने की गुहार लगाई है. रिशान के मुताबिक छात्र अहम स्टेकहोल्डर्स हैं और 10वीं के इम्तिहान के संबंध में कोई भी फैसला लेने से पहले एक छात्र के नजरिए को सुना जाना चाहिए. बहरहाल इस पूरे प्रकरण पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने परीक्षाएं लेने वाले विभिन्न बोर्ड्स, राज्य सरकार और केंद्र सरकार से 1 जून तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. क्या कहना है छात्र रिशान का?मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.