महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति का बड़ा दांव, क्या शिवराज चौहान के ब्लूप्रिंट की कॉपी है राज्य का बजट?
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महाराष्ट्र की महायुती सरकार ने जो बजट पेश किया है, उसमें सीधे-सीधे महिला, युवा और किसानों को लुभाने की कोशिश की गई है. एक तरह से कहा जाए तो महाराष्ट्र की महायुति सरकार आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शिवराज सिंह चौहान के उस फॉर्मूले को अपना रही है, जो उन्होंने मध्य प्रदेश के सीएम रहते हुए विधानसभा चुनावों में लागू किया था.
लोकसभा चुनाव में हुए बड़े नुकसान के बाद महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपनी रणनीति में सुधार करना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सफल रणनीति के अनुरूप ही महाराष्ट्र की सरकार प्रमुख मतदाताओं को लुभाने के लिए लोकलुभावन घोषणाएं कर रही है. महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार ने महिलाओं, युवाओं और किसानों पर केंद्रित बजट पेश किया, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान द्वारा बीजेपी की जीत तय करने के फॉर्मूले को दोहराना है.
दरअसल, महायुती सरकार ने जो बजट पेश किया है, उसमें सीधे-सीधे महिला, युवा और किसानों को लुभाने की कोशिश की गई है. एक तरह से कहा जाए तो महाराष्ट्र की महायुति सरकार आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शिवराज सिंह चौहान के उस फॉर्मूले को अपना रही है, जो उन्होंने मध्य प्रदेश के सीएम रहते हुए विधानसभा चुनावों में लागू किया था. शिवराज सिंह चौहान की चुनाव पूर्ण रणनीति ने बीजेपी को हारा हुआ चुनाव भी जिता दिया था. अब इसी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में भी अपनाया जा रहा है.
बजट में की गईं प्रमुख घोषणाएं:
लाडली बहना से प्रेरित योजना- मध्य प्रदेश में मार्च 2023 में शुरू की गई ‘लाडली बहना’ योजना से प्रेरित होकर महाराष्ट्र सरकार ने भी ऐसी ही पहल की है. इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये मिलेंगे. इस योजना के लिए बजट में 46,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
किसानों को भी लुभाने की कोशिश- बजट में घोषणा की गई कि सिंचाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पंपों के बिजली बिल माफ किए जाएंगे. सोयाबीन और कपास उगाने वाले किसानों को, जिन्हें अपनी उपज के लिए अपेक्षित मूल्य नहीं मिला, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. सरकार दो हेक्टेयर तक प्रति हेक्टेयर 5,000 रुपये प्रदान करेगी.
लोकसभा चुनावों के दौरान, किसान महायुति गठबंधन से कई मुद्दों पर नाराज़ दिखे, जिनमें प्याज पर निर्यात प्रतिबंध हटाने में देरी भी शामिल थी, जिससे उनकी आय पर काफी असर पड़ा. सरकार ने अब प्याज किसानों की मदद के लिए विशेष उपायों की घोषणा की है, जो निर्यात प्रतिबंध से विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए बजट में 108 रुकी हुई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देना और शुरू करना शामिल है.
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