महाकुंभ 2025: सर्द रातों में भी श्रद्धालुओं का हौसला बुलंद... भंडारों के बीच हर-हर गंगे के जयघोष से गूंजा संगम
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ठिठुरती रात, 8 डिग्री का पारा और हर ओर गूंजता हर-हर गंगे का जयघोष... महाकुंभ 2025 का संगम तट आस्था और उत्साह से भरपूर नजारा पेश कर रहा है. मौनी अमावस्या के मुख्य स्नान से पहले लाखों श्रद्धालु संगम के रेतीले तट पर पहुंचे हैं. अलाव के सहारे सर्द रातें काटते, भंडारों में प्रसाद का आनंद लेते और चाय की गर्म चुस्कियों से राहत पाते ये श्रद्धालु आस्था और समर्पण की अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं.
महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या का स्नान नजदीक है. संगम की रेती पर श्रद्धालुओं की भीड़ हर पल बढ़ती जा रही है. आधी रात की कड़कड़ाती ठंड और प्रयागराज का गिरता पारा भी श्रद्धालुओं के उत्साह को कम नहीं कर पा रहा. हर-हर गंगे और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ आस्था का यह सैलाब पूरी रात संगम किनारे बह रहा है.
रात 12 बजे: मौनी अमावस्या के महाकुंभ स्नान के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं. चाहे उन्हें कितनी भी ठंड सहनी पड़े या कितनी भी दूर पैदल चलना पड़े, उनकी आस्था हर कठिनाई को पार कर रही है. पीपा पुल से प्रवेश करते श्रद्धालु बड़ी-बड़ी ट्रालियां लेकर अपने कई दिन के इंतजाम के साथ मेले में शामिल हो रहे हैं.
रात 12:45 बजे: भीषण सर्दी में संगम की रेती पर अलाव श्रद्धालुओं के लिए सहारा है. भक्त गाड़ियों के इंतजार में अलाव के पास बैठकर समय बिता रहे हैं. कुंभ में शामिल होने को सौभाग्य मान रहे हैं. वहीं, पुलिस और बीएसएफ के जवान देर रात श्रद्धालुओं को दिशा दिखाने और व्यवस्था बनाए रखने में जुटे हुए हैं.
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रात 1:30 बजे: महाकुंभ की रात किसी को भी भूखा नहीं रखती. यहां 24 घंटे चलने वाले भंडारे हर समय श्रद्धालुओं के लिए खुले हैं. आधी रात को भी सैकड़ों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते नजर आ रहे हैं. अखाड़ों द्वारा चलाए जा रहे इन भंडारों का आनंद लेते भक्त इसे देवताओं का आशीर्वाद मानते हैं.
रात 2 बजे: तापमान 8 डिग्री तक गिर चुका है, तब भी संगम किनारे श्रद्धालु गर्म चाय और चटपटे स्नैक्स का आनंद ले रहे हैं. चमकती टेंट सिटी के इर्द-गिर्द महिलाओं और बच्चों के साथ हर वर्ग के लोग कुंभ का अनुभव कर रहे हैं. पूरे क्षेत्र में हर-हर महादेव और हर-हर गंगे की गूंज माहौल को और अधिक पवित्र बना रही है.
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