ममता के 'गोत्र' कार्ड पर असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार, 'हमारा क्या जो जनेऊधारी नहीं?'
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंच से अपने गोत्र का खुलासा किया, जिसके बाद राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. अब AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर ममता बनर्जी पर ही निशाना साधा है.
पश्चिम बंगाल में सत्ता बचाने के लिए लड़ रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे चरण के प्रचार के अंतिम दिन बड़ा दांव खेला. ममता बनर्जी ने मंच से अपने गोत्र का खुलासा किया, जिसके बाद राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. अब AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर ममता बनर्जी पर ही निशाना साधा है और कहा कि जो जनेऊधारी नहीं हैं, उनका क्या? असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी के बयान पर टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘जो लोग शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं, किसी भगवान के भक्त नहीं हैं या फिर कोई पाठ या चालीसा नहीं करते हैं उनका क्या? हैदराबाद सांसद ने आगे लिखा कि हर पार्टी को लगता है कि उसे जीतने के लिए खुद को हिन्दू दिखाना जरूरी है. ये नियमों के खिलाफ है, अपमानजनक है और सफल होने वाला नहीं है. बता दें कि इस बार बंगाल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी किस्मत आजमा रही है, बुधवार को ही ओवैसी बंगाल में एक रैली करेंगे. क्या कहा था ममता बनर्जी ने? दरअसल, बीते दिन बंगाल में दूसरे चरण के प्रचार का आखिरी दिन था और इसी चरण में नंदीग्राम में मतदान होना है, जहां से खुद ममता बनर्जी उम्मीदवार हैं. प्रचार के आखिरी रैली में ममता बनर्जी ने जिक्र किया कि वैसे तो उनका गोत्र शांडिल्य है, लेकिन वो अपना गोत्र हमेशा मां-माटी और मानुष ही बताती हैं. बंगाल के चुनावी रण में अक्सर भारतीय जनता पार्टी की ओर से ममता बनर्जी को हिन्दू विरोधी कहकर निशाने पर लिया जाता है. यही कारण है कि इस बार ममता बनर्जी का अलग अंदाज सामने आया है. पहले भी ममता बनर्जी चुनाव प्रचार के दौरान कई बार मंच से ही चंडी पाठ करती हुई नज़र आई हैं. बीजेपी की ओर से ममता बनर्जी पर अक्सर जय श्रीराम के नारे का विरोधी बताया गया. बीते दिन जब ममता बनर्जी का काफिला नंदीग्राम में था, तब भी बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम के नारे लगाए थे.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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