
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज रोहित आर्य को BJP ने दे दी बड़ी जिम्मेदारी, सोशल मीडिया पर रहे हैं बेहद चर्चित
AajTak
MP News: जस्टिस रोहित आर्य एमपी हाई कोर्ट के सबसे चर्चित जज रहे हैं. अप्रैल 2024 में ही वह हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे. इसके करीब तीन महीने बाद आर्य बीजेपी में शामिल हो गए थे.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' अवधारणा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष इकाई का गठन किया है. इसमें हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस रोहित आर्य को संयोजक और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव सह-संयोजक बनाया है.
सूत्रों ने बताया कि BJP एक साथ चुनाव कराने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा और व्याख्यान आयोजित करने की योजना बना रही है. बता दें कि देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था करने वाले दो विधेयक बीते दिसंबर में लोकसभा में पेश किए गए थे.
भार्गव ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, "देश में एक साथ चुनाव कराना राष्ट्रीय हित के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है. समकालिक चुनाव से विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. हम इसे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे."
पुष्यमित्र भार्गव ने 2022 में चुनावी राजनीति में प्रवेश करने से पहले हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया था. वहीं, रोहित आर्य साल 2024 में बतौर हाई कोर्ट जस्टिस रिटायर्ड होने के तीन महीने बाद वे BJP में शामिल हुए थे.
जस्टिस रोहित आर्य अप्रैल 2024 में ही रिटायर हुए थे. वह एमपी हाई कोर्ट के सबसे चर्चित जज रहे हैं. उन्होंने ही 2021 में स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
जस्टिस रोहित आर्य ने साल 2021 में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और नलिन यादव को धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था. अपने आदेश में तत्कालीन जस्टिस आर्य ने कहा था कि संविधान के मुताबिक सद्भाव और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए मुनव्वर फारूकी को जमानत दे दी थी.

किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बुधवार को सातवें दौर की बातचीत हुई. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए. पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां बैठक में उपस्थित रहे.

नागपुर में हुई हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई जारी है. मुख्य आरोपी फहीम खान सहित 51 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया है. औरंगजेब विवाद पर सियासत गरम है, जहां कुछ नेता इसे अप्रासंगिक बता रहे हैं तो कुछ इसे मराठी अस्मिता से जोड़ रहे हैं. देखें.

छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने सोमवार को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कथित तौर पर औरंगजेब की तस्वीर पर चादर और कुछ इस्लामिक प्रतीकों को जलाने की घटना सामने आई, जिसके कारण कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. इसी को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.