मणिपुर हिंसा में सात महीने पहले मारे गए 87 लोगों को आज हुआ अंतिम संस्कार, खुगा बांध के पास हुए दफन
AajTak
मणिपुर में आठ महीने बाद कुकी-ज़ो समुदाय के 87 शवों को खुगा बांध के पास दफनाया गया है. 87 शवों में से 41 शव पिछले हफ्ते इम्फाल के मुर्दाघर से लाए गए थे जबकि 46 शव चुराचांदपुर में ही रखे थे. इस गंभीर मौके पर संयोजक ज़ो यूनाइटेड अल्बर्ट रेंथलेई ने अपने शब्दों में शोक जताया है.
बुधवार को चुराचांदपुर जिले के सेहकेन स्थित खुगा बांध के पास हिंसा पीड़ितों के 87 शवों को सामूहिक रूप से दफनाया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच इन पीड़ितों-मृतकों के लिए वॉल ऑफ रिमेंबरेंस, पीस ग्राउंड, तुईबोंग में शोक समारोह आयोजित किया गया. रविवार रात को दो आदिवासी समुदायों के सदस्यों के बीच झड़प के बाद जिले में धारा 144 अभी भी लागू है.
बीते 8 महीनों से मुर्दाघरों में थे शव बता दें कि ये शव बीते आठ माह से मुर्दाघरों में थे. आठ महीने बाद कुकी-ज़ो समुदाय के 87 शवों को खुगा बांध के पास दफनाया गया है. 87 शवों में से 41 शव पिछले हफ्ते इम्फाल के मुर्दाघर से लाए गए थे जबकि 46 शव चुराचांदपुर में ही रखे थे. इस गंभीर मौके पर संयोजक ज़ो यूनाइटेड अल्बर्ट रेंथलेई ने अपने शब्दों में शोक जताया तो वहीं गुडविल काउंसिल के अध्यक्ष रेव डॉ. एस वुंगमिनथांग ने भी शोक व्यक्त किया. इस दौरान Joint Artist Associations ने कोरल और शोकगीत प्रस्तुत किए. इस दफन स्थल का नाम 'कुकी-हमार-मिज़ो-ज़ोमी शहीद Cemetary' रखा गया है.
15 दिसंबर को दफनाए गए थे 19 शव बता दें कि इसके पहले बीते 15 दिसंबर को 19 शवों को सामूहिक कार्यक्रम में दफनाया गया था. एक बयान में कहा कि शवों को सौंपने से आठ महीने की लंबी उथल-पुथल, हृदयविदारक और निराशा के बाद हमारे मृत भाइयों और बहनों की बहुप्रतीक्षित घर वापसी हुई है. फैजंग गांव में शहीद कब्रिस्तान में "आप हमारे कल के लिए अपना आज बलिदान करें" थीम के तहत सामूहिक शवों को दफनाने की प्रक्रिया की गई थी. इस दौरान गांव के स्वयंसेवकों द्वारा बंदूक की सलामी के साथ शोक संवेदना व्यक्त की गई.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.