मणिपुर जातीय हिंसा को रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे हजारों लोग
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मणिपुर में पिछले एक साल से जातीय हिंसा को तुरंत रोकने के लिए आईटीएलएफ शांति सुनिश्चित करने और अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनुच्छेद 239 ए के तहत तत्काल राजनीतिक उपायों की मांग की. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय गृह मंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है.
मणिपुर में पिछले एक साल से जातीय हिंसा को आग में जल रहा है. अब इस जातीय हिंसा को लेकर रोकने के लिए राजनीतिक समाधान और पहाड़ियों के लिए केंद्र शासित प्रदेश की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही ITLF ने अपनी मांगों को लेकर एक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है.
राज्य में एक साल से हो रही जातीय हिंसा को रोकने के लिए आदिवासी समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुरा चांदपुर में एक विशाल रैली आयोजित करते हुए मणिपुर जातीय हिंसा के राजनीतिक समाधान की मांग की. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के नेतृत्व में कुकी-जू आदिवासी समुदाय के हजारों लोगों ने बाहरी मणिपुर के सीसीपुर में एक रैली आयोजित की, जिसमें चल रही जातीय हिंसा को संबोधित करने के लिए एक केंद्र शासित प्रदेश की स्थापना की मांग की गई.
उन्होंने कहा कि आईटीएलएफ शांति सुनिश्चित करने और अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनुच्छेद 239 ए के तहत तत्काल राजनीतिक उपायों की मांग की. आईटीएलएफ के महासचिव मुआन टोम्बिंग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपे जाने वाले ज्ञापन को भी पढ़ा.
समाधान खोजने के लिए तेजी से काम करे सरकार
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि केंद्र सरकार मणिपुर में हिंसा का राजनीतिक समाधान खोजने की प्रक्रिया में तेजी लाए. आदिवासी संविधान के अनुच्छेद 239 ए के तहत विधानसभा सहित केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण चाहते हैं. इसी तरह की रैलियां उसी दिन कांगपोकपी, तेंगनौपाल और फेरज़ॉल जिलों में भी आयोजित की गईं.
आदिवासी प्रमुख समूह आईटीएलएफ का कहना है कि सरकार को राजनीतिक समाधान खोजने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए, क्योंकि हत्याओं और विस्थापन के एक साल से अधिक समय के बाद, सुरक्षा स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. नागरिकों को खतरा बना हुआ है. हर दिन लोग मारे जा रहे हैं. पिछले कुछ हफ्तों में जिरीबाम जिले में मैतेई बदमाशों ने दो आदिवासियों की हत्या कर दी. एक अन्य का अपहरण कर लिया, जिसका अभी-भी पता नहीं चला है.
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