मजदूर के खाते में आए 200 करोड़ रुपए, परिवार बोला- पता नहीं किसने भेजे
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विक्रम ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में बतौर मजदूर काम किया था. करीब 17 दिन काम कराने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. कंपनी की ओर से विक्रम का यश बैंक में अकाउंट भी खुलवाया गया था. मजदूरी का पैसा तो मिला नहीं लेकिन अब उसके बैंक अकाउंट में 200 करोड़ रुपए की राशि भेजी गई है.
आठवीं पास श्रमिक के बैंक खाते में 200 करोड़ रुपए आए हैं. पैसे बैंक खाते में आने की जानकारी मिली तो जहां श्रमिक के होश उड़ गए. वहीं उसका पूरा परिवार भी अचंभित है. उन्हें नहीं पता कि किसने और क्यों इतनी राशि उनके बैंक अकाउंट में डाली है. मजदूर और उसका परिवार दहशत में है. उनका कहना है कि कोई तो बड़ा फ्रॉड कर रहा है. परिवार ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है.
बैंक अकाउंट में 200 करोड़ रुपए आने के बाद इस संबंध में श्रमिक ने पीएम, सीएम, डीजीपी सहित पुलिस के आला अधिकारियों को ट्वीट कर जानकारी दी है. वहीं, ऑनलाइन एफआईआर करते हुए पुलिस अधिकारियों को मेल पर भेजी है. इस मामले को लेकर जिला पुलिस कुछ भी बताने से बच रही है. मामला हरियाणा के चरखी दादरी जिले का है.
यूपी पुलिस पूछताछ के लिए पहुंची दरअसल, दादरी जिला के गांव बेरला निवासी विक्रम मजदूरी करता है. यूपी पुलिस उसके घर पहुंची और पूछताछ करने लगी. पुलिस ने विक्रम को बताया कि उसके यश बैंक वाले खाते में 200 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया है, यह पैसा कहां से आया है. पुलिस की बातें सुनकर विक्रम और उसका परिवार हक्का-बक्का रह गया. विक्रम और उसके परिवार के मुताबिक यश बैंक के जिस अकाउंट में इतनी बड़ी राशि भेजी गई है. बैंक ने उस खाते को फ्रीज कर दिया है. वहीं, यह बात विक्रम के गांव में फैल गई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है.
हर ट्रांजैक्शन में 9 अंकों की राशि
विक्रम के चचेरे भाई प्रदीप और मां बीना देवी के अनुसार जिस खाते में रकम आई है वो यश बैंक का है और इस राशि को होल्ड किया गया है. फिलहाल परिजनों को इसकी जानकारी नहीं है कि ये राशि किसने और क्यों डाली है. खास बात ये है कि ये राशि डालने के लिए जितनी भी ट्रांजैक्शन हुए हैं उन ट्रांजैक्शन की राशि के सभी अंक 9 ही हैं, जो अचरज की बात है.
नौकरी पर रखा फिर निकाल दिया बेरला निवासी विक्रम आठवीं पास है और दो माह पहले नौकरी करने पटौदी क्षेत्र में गया था. वहां उसने एक्सप्रेस-20 नामक कंपनी में बतौर श्रमिक ज्वाइन किया. विक्रम के भाई प्रदीप के अनुसार खाता खुलवाने के लिए विक्रम से दस्तावेज लिए गए और बाद में उसका खाता रद्द होने की बात कहकर उसे नौकरी से निकाल दिया गया. वहां विक्रम ने करीब 17 दिन काम किया.
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