
मंदिरों में खुल गईं दुकानें, दफ्तर... अल्पसंख्यकों पर भारत को ज्ञान दे रहे PAK में ऐसे हैं हिंदुओं के हालात
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पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. एक रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ 'गैर-नागरिक' की तरह बर्ताव किया जाता है. वहां, नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्मांतरण करा दिया जाता है. अल्पसंख्यकों को ईशनिंदा का डर दिखाकर धर्मांतरण करने को मजबूर किया जाता है.
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान ने सवाल उठाया तो भारत ने भी उसे बुरी तरह लताड़ दिया. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, ईसाइयों और दूसरे अल्पसंख्यक धर्मों के लोगों का उत्पीड़न दुनिया ने देखा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने की बजाय अपने यहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए.
भारत का ये बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के उस बयान पर आया, जिसमें उन्होंने पैगंबर पर टिप्पणी का मुद्दा उठाया था. शरीफ ने ट्विटर पर लिखा कि मोदी के नेतृत्व में धार्मिक स्वतंत्रता को कुचला जा रहा है और मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है. दुनिया को ये देखना चाहिए और भारत को लताड़ लगानी चाहिए.
लेकिन, अल्पसंख्यकों के मसले को लेकर जो पाकिस्तान आज भारत को नसीहत दे रहा है, उसे खुद अपने यहां के अल्पसंख्यकों पर ध्यान देने की जरूरत है. पाकिस्तान में लगातार मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ी जाती हैं. ज्यादातर मंदिरों को अब दुकान और दफ्तरों में बदल दिया गया है. हर साल हजारों लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराया जाता है. पाकिस्तान को इस पर भी ध्यान देना चाहिए.
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कराची में मंदिर में घुसकर मूर्तियां तोड़ी गईं
हाल ही में कराची में श्री माता मंदिर को निशाना बनाया गया है. कराची में स्थित श्री माता मंदिर में कुछ कट्टरपंथियों ने घुसकर देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ दिया. ये मंदिर कराची में कोरंगी थाना क्षेत्र में 'जे' इलाके में स्थित है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.