भ्रष्टाचार पर नीतीश के इन मंत्रियों को देना पड़ा इस्तीफा, क्या अगले शिकार होंगे कार्तिकेय सिंह?
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इससे पहले भी नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल उन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा, जिन उन पर गंभीर आरोप लगे और विवादों में फंस गए. और जब तक ऐसे मंत्री आरोप मुक्त नहीं हुए, तब तक उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. एक बार फिर लोगों की निगाहें नीतीश की जीरो टॉलरेंस पर टिकी हैं.
बिहार की सियासत में नीतीश कुमार को एक खासियत के तौर पर देखा जाता है- उनकी भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति. अब सियासी जानकार मानते हैं कि नीतीश के इसी नीति का शिकार होने वाले हैं- कार्तिकेय सिंह. याद कीजिए कार्तिकेय के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश ने कहा था कि उनके बारे में कुछ मालूम नहीं. लेकिन जब बीजेपी हमलावर हुई और मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक महागठबंधन सरकार की किरकिरी होने लगी तो नीतीश कुमार ने गुरुवार को बयान दिया कि इस पूरे मामले को देखा जा रहा है.
बता दें कि इससे पहले भी नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल उन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा, जिन उन पर गंभीर आरोप लगे और विवादों में फंस गए. और जब तक ऐसे मंत्री आरोप मुक्त नहीं हुए, तब तक उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. एक बार फिर लोगों की निगाहें नीतीश की जीरो टॉलरेंस पर टिकी हैं.
दो दिन पहले कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह
दरअसल, दो दिन पहले मंत्रिमंडल में शामिल हुए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर सरकार चोतरफा घिरी हुई है. उन पर हत्या की नीयत से अपहरण करने का आरोप है. संगीन धाराओं में FIR दर्ज है. कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. जिस दिन कार्तिकेय सिंह को कानून के सामने सरेंडर करना चाहिए था, उसी दिन यानी 16 अगस्त को वह मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.
खुद को बेकसूर बता रहे कार्तिकेय
इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर है. मंत्री कार्तिकेय सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग कर रहा है. हालांकि कार्तिकेय सिंह ने खुद को बेकसूर बताया है. बीजेपी ने नीतीश कुमार को पूरी तरह घेर कर रखा है.
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