भूमि घोटाला केस में CM हेमंत सोरेन से ED की टीम कर रही पूछताछ, मुख्यमंत्री आवास के बाहर CRPF तैनात
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रांची प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हिनू एयरपोर्ट स्थित ईडी ऑफिस की सुरक्षा बढ़ दी गई है. ऑफिस के बाहर पुलिस बैरिकेडिंग के साथ सीआरपीएफ के जवान भी तैनात हैं.
झारखंड में कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन (Money Laundering) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने के लिए उनके सरकारी आवास पर पहुंच गए हैं. वहीं रांची प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हिनू एयरपोर्ट स्थित ईडी ऑफिस की सुरक्षा बढ़ दी गई है. ऑफिस के बाहर पुलिस बैरिकेडिंग के साथ सीआरपीएफ के जवान भी तैनात हैं.
मुख्यमंत्री आवास के बाहर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के मुताबिक त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. ईडी की पूछताछ खत्म होने तक मुख्यमंत्री आवास के पास ट्रैफिक डायवर्जन रहेगा और आवाजाही पर पाबंदियां रहेंगी. बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से होने वाली पूछताछ के मद्देनजर ईडी ने राज्य के पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने का अनुरोध किया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 8वां समन जारी कर उनसे 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था. इससे पहले वह 7 समन पर ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. ईडी के समन का जवाब देते हुए सीएम सोरेन ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी 20 जनवरी को उनके आवास पर उनका बयान दर्ज कर सकती है.
झारखंड भूमि घाटाले का पूरा केस क्या है?
ईडी ने रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की अवैध खरीद फरोख्त का खुलासा किया था. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को गिरफ्तार किया था. उनके आवास और मोबाइल फोन से बड़ी मात्रा में सरकारी दस्तावेज बरामद हुए थे. इन दस्तावेजों की छानबीन और उनसे जुड़े तथ्यों के सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है.
ईडी ने प्रदीप बागची, विष्णु कुमार अग्रवाल, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज की कई एफआईआर के आधार पर धन शोधन अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज करके तीन भूमि घोटालों की जांच शुरू की थी. इस मामले में जांच आगे बढ़ने पर ईडी अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जांच में पता चला कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ करके भू.माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भू.खंडों का हस्तानांतरण किया था.
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