भारत में Javelin Missile बनाएगा अमेरिका! खत्म होगा सेना का दशकों पुराना इंतजार? जानें क्यों खास है यह हथियार
AajTak
भारतीय सेना कंधे पर रखकर दागी जाने वाली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की अपनी आवश्यकताओं का पूरा करने के लिए काम कर रही है, लेकिन पिछले एक दशक से उसके प्रयासों को सफलता नहीं मिल पाई है.
अमेरिका ने अपनी प्रसिद्ध जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों को भारत में बनाने की पेशकश की है. भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों देश साथ मिलकर इस अत्याधुनिक मिसाइल का भारत में उत्पादन करने पर विचार कर रहे हैं. शीर्ष रक्षा सूत्रों ने आजतक को बताया कि दोनों पक्षों के बीच हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी.
अमेरिका की पेशकश के मुताबिक वह किसी भारतीय पार्टनर के साथ भारत में मिसाइलों और उसके लॉन्चरों के को-प्रोडक्शन के लिए तैयार है. जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल के भारत में उत्पादन को लेकर अमेरिका और भारत के बीच डील फाइनल होने के बाद ही जॉइंट वेंचर के पार्टनर को लेकर निर्णय होगा. भारतीय सेना कंधे पर रखकर दागी जाने वाली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की अपनी आवश्यकताओं का पूरा करने के लिए काम कर रही है, लेकिन पिछले एक दशक से उसके प्रयासों को सफलता नहीं मिल पाई है.
कंधे से फायर की जाती है जेवलिन मिसाइल
गत कुछ वर्षों में चीन के साथ सीमा पर संघर्ष बढ़ने के दौरान भारत ने आपातकालीन स्थिति में इजरायल से स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की खरीद की थी. स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल डेवलप करने की प्रक्रिया भी चल रही है और डीआरडीओ अपने इंडस्ट्रियल पार्टनर्स के साथ मिलकर इस पर काम कर रहा है. उनके द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक परीक्षण भी किये गये हैं. भारतीय सेना कंधे से फायर करने वाली एटीजीएम (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल) चाहती है जिसे सैनिक पहाड़ी इलाकों में आसानी से ले जा सकें.
बता दें कि अमेरिका और भारत सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन सहित रक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस क्षेत्र में ज्यादा सफलता नहीं मिली है. जेवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सह-उत्पादन को लेकर चल रही चर्चा सफल रहती है तो यह दोनों देशों की रक्षा साझेदारी में एक बड़ी उपलब्धि होगी. बता दें कि जेवलिन मिसाइल किसी भी बख्तरबंद वाहन को नष्ट कर सकती है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.