
भारत ने कर डाली मेजबानी लेकिन पाकिस्तान के पास G20 की सदस्यता तक नहीं, जानिए क्या हैं शर्तें
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भारत G20 में कामयाब मेजबान की भूमिका में रहा. दुनियाभर के लीडर्स आकर खुशी-खुशी लौटे, वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को न्यौता तक नहीं मिला. भारत और पाकिस्तान लगभग एक साथ आजाद हुए, इसके बाद भी होस्ट बनना तो दूर, पाकिस्तान जी20 का हिस्सा तक नहीं बन सका. हाल में अफ्रीकन यूनियन को भी इसकी मेंबरशिप मिल गई. तो क्या पाकिस्तान की एंट्री में कोई खास चीज रोड़ा है?
आबादी के लिहाज से पाकिस्तान दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश है. लंबाई-चौड़ाई के हिसाब से भी ये 33वें नंबर पर आता है. कम समय में ही इसने न्यूक्लियर वेपन बना डाले. यानी सैन्य ताकत भी इसके पास दुनिया के बहुत से देशों से काफी ज्यादा है. इसके बाद भी पाकिस्तान को जी20 जैसी अहम बॉडी में जगह नहीं मिल सकी. क्या इसकी वजह पाकिस्तान की कमजोर इकनॉमी है, या फिर आतंक से बार-बार जुड़ता रहा नाम? क्या आतंक को पनाह देना बंद करना इसका जी20 क्लब में खाता खोल देगा? आइए, जानते हैं क्यों पाकिस्तान को इससे दूर रखा गया है.
फिलहाल कौन से देश हैं इसमें
साल 1999 में दुनिया की मजबूत अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन बना. तब इसमें कुछ ही देश शामिल थे. जैसे-जैसे दूसरे कई देश मजबूत हुए, वे भी इसका हिस्सा बनते गए. साल 2008 में इसकी पहली आधिकारिक बैठक अमेरिका में हुई.
फिलहाल G20 में भारत के अलावा रूस, ब्राजील, कनाडा, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अमेरिका, चीन, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, तुर्की, ब्रिटेन और एक यूरोपीय संघ शामिल है.
किस हाल में है पाकिस्तान

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.