
भारतीयों की आलोचना करने वाली ब्रेवरमैन को कैबिनेट में जगह देकर अपनी ही पार्टी में घिरे सुनक
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ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के बाद गृहमंत्री के तौर पर सुएला ब्रेवरमैन की वापसी हुई. कैबिनेट में उनकी बहाली का विरोध भी हो रहा है. दरअसल उन पर ट्रस सरकार में गृहमंत्री रहते हुए निजी ईमेल से सरकारी दस्तावेज अन्य सांसद को भेजने का आरोप है, जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद सुएला ब्रेवरमैन की बतौर गृहमंत्री वापसी हुई. वह इससे पहले लिज ट्रस सरकार में भी गृहमंत्री थी. उस वक्त वे भारतीयों की आलोचना कर विवादों में घिर गई थीं. हालांकि, कुछ दिन बाद ही उन्हें डेटा उल्लंघन मामले में पद से इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन अब एक बार फिर गृहमंत्री के तौर पर उनकी वापसी को लेकर सुनक सरकार पर दबाव बनता नजर आ रहा है.
कंजरवेटिव पार्टी के दो सांसदों ने भारतीय मूल की ब्रेवरमैन की वापसी के सुनक के फैसले पर सवाल उठाए हैं. ब्रेवरमैन पर अपने निजी ईमल से सरकारी दस्तावेज एक अन्य सांसद को भेजने का आरोप लगा था, जिसके बाद बीते हफ्ते उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन सुनक के प्रधानमंत्री बनते ही उन्हें दोबारा कैबिनेट में शामिल कर लिया गया. लेकिन अब एक बार फिर उनके इस्तीफे की मांग उठने लगी है.
कंजरवेटिव पार्टी की सांसद कैरोलिन नोक्स ने कहा कि इस मामले को लेकर बड़े सवाल उठे हैं और इसकी पूर्ण जांच की मांग की गई है. टोरी पार्टी के पूर्व चेयरमैन जेक बेरी ने कहा कि ब्रेवरमैन ने कई बार नियमों का उल्लंघन किया है, जो गंभीर है.
हालांकि, कंजरवेटिव पार्टी के नए चेयरमैन नाधिम जाहवी ने ब्रेवरमैन की बहाली के सुनक के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि सुनक ने ब्रेवरमैन को दूसरा मौका दिया है.
हाउस ऑफ लॉर्ड्स को संबोधित करते हुए कैबिनेट ऑफिस मंत्री बोरोनेस नेविल रोल्फ ने कहा कि प्रधानमंत्री सुनक अपने फैसलों को लेकर स्पष्ट है कि यह ईमानदारी और जवाबदेही से परिपूर्ण सराकर है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ब्रेवरमैन की वापसी का सुनक का फैसला सही है.
ब्रेवरमैन ने गलती मानते हुए दिया था इस्तीफा

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