भाजपा विधायक ने पूछा- अलीगढ़ की मस्जिदों पर कितने लगे हैं लाउडस्पीकर?
AajTak
भाजपा विधायक मुक्ता राजा ने अलीगढ़ के अपर जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर की जानकारी मांगी है. ऐसे में अलीगढ़ प्रशासन मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर जानकारी जुटाने में लग गया है.
लाउडस्पीकर विवाद के बीच अलीगढ़ की शहरी सीट से भाजपा विधायक मुक्ता राजा ने शहर के अपर जिलाधिकारी नगर को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने जिले में मौजूद मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों की जानकारी मांगी है. साथ ही मुक्ता राजा ने अपने पत्र में मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जांच करने की भी बात कही है. ऐसे में अलीगढ़ प्रशासन जानकारी जुटाने में लग गया है. मुक्ता राजा ने सुबह 5 बजे से पहले होने वाले नमाज पर भी सवाल उठाए हैं.
अपर जिला अधिकारी नगर राकेश कुमार पटेल ने बताया कि मुक्ता राजा ने पूछा है कि शहर में जो मस्जिद है, उसमें कितने लाउडस्पीकर या अन्य चीज लगी हुई है. आपके पास उपलब्ध संख्या है तो हमें दीजिए. उसके लिए हमने मजिस्ट्रेट को पत्र लिख दिया है. मजिस्ट्रेट की काउंटिंग के बाद जो भी जानकारी होगी, सूचित कर देंगे. माननीय विधायक ने हमसे जो मांगा है, हम उनको उपलब्ध कराएंगे. मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर के संबंध में जवाब दे दिया जाएगा.
इस बीच अलीगढ़ के शहर इमाम ने कहा कि लाउडस्पीकर से संबंधित सवाल उठाए जा रहे हैं. यह लाउडस्पीकर का मसला नहीं है, बल्कि मसला अजान का है. लाउडस्पीकर में जो अजान होती है, चाहे वह सुबह की हो शाम की हो या रात की हो वह 5 वक्त की ही है. वह केवल दो मिनट की होती है. हमारे यहां मंदिरों में भी बहुत प्रोग्राम होता है, तो उन पर परेशानी नहीं है. असली चीज है अजान. अजान नमाज का एक हिस्सा है. ये इसलिए किया जाता है कि लोगों को खबर किया जाता है कि नमाज का वक्त हो गया है. इसलिए अजान की जाती है और कोई मसला नहीं है.
वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व चेयरमैन मुफ्ती जाहिद ने कहा कि अलीगढ़ कोई अलग तो सूबा नहीं है. जो कानून पूरे मुल्क में सुप्रीम कोर्ट ने सबके लिए कहा है, वही अलीगढ़ में होगा. सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर हटाने के लिए नहीं कहा, बल्कि मस्जिद या मंदिर हो इस सब के लिए एक गाइडलाइन तय की है. जिला को हिदायत दी है कि हर जगह इतनी आवाज होना चाहिए. उससे ज्यादा नहीं होना चाहिए. मैं नहीं समझता कि डीएम साहब कोई ऐसा गलत काम करेंगे, जो किसी के दबाव में हो.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.