
बैन, अल-नीनो इफेक्ट... सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में खाने के लाले पड़े, क्या भारत से है कनेक्शन?
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दक्षिण पूर्व एशियाई देश इंडोनेशिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चावल उपभोक्ता है, लेकिन भारत सरकार की ओर से चावल निर्यात पर लगाए गए बैन और चक्रवात अल-नीनो के प्रभाव के कारण इंडोनेशिया चावल की कम आपूर्ति से जूझ रहा है. भारत ने जुलाई 2023 में चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इन दिनों चावल की कमी और बढ़ी हुई कीमत से परेशान है. भारत सरकार की ओर से चावल निर्यात पर लगाए गए बैन और चक्रवात अल-नीनो के प्रभाव के कारण इंडोनेशिया चावल की कम आपूर्ति से जूझ रहा है. इससे निपटने के लिए सरकार 23 लाख टन चावल आयात करने पर विचार कर रही है, लेकिन वहां के स्थानीय किसान इसका भारी विरोध कर रहे हैं.
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया चावल की कम आपूर्ति और बढ़ी हुई कीमत से जूझ रहा है. 40 प्रतिशत लोगों तक ही सरकारी खाद्य सहायता पहुंच पा रही है. चावल की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी के साथ-साथ देश में चावल का कुशल वितरण करना भी सरकार के लिए चुनौती बन गई है.
देश में चावल की बढ़ी हुई कीमत से निपटने के लिए सरकार ने आयात प्रतिबंधों में भी छूट भी दी है. लेकिन इसके बावजूद इंडोनेशिया में चावल को लेकर दुविधा बनी हुई है. सरकार की ओर से अधिक चावल आयात करने के कदम का स्थानीय किसान भारी विरोध कर रहे हैं.
इंडोनेशिया में चावल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि
इंडोनेशिया के पर्यवेक्षकों का कहना है कि चावल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से चावल निर्यात पर लगाया गए प्रतिबंध से भी देश में चावल की कीमत प्रभावित हुआ है. इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार पड़ोसी देश चीन और थाइलैंड से चावल आयात करने पर विचार कर रही है. लेकिन सरकार के इस कदम का स्थानीय उत्पादकों की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया के प्रमुख चावल उत्पादक देशों में मौसम गर्म रहने की उम्मीद है, जिससे चावल की कम उत्पादन होने की उम्मीद है. ऐसे में देश की खाद्य राज्य एजेंसी महंगाई को नियंत्रण और चक्रवाती तूफान अल-नीनो के प्रभाव को कम करने के लिए इस साल 23 लाख टन चावल आयात करेगी.

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