'बेटे के लिए दुल्हन मांगी थी, पार्टी ने मुझे ही पकड़ा दी', 71 साल के कांग्रेस उम्मीदवार का अजीबोगरीब बयान
AajTak
Lok Sabha elections 2024: एक चुनावी भाषण में लखमा ने कहा, मैंने तो अपने बेटे के लिए दुल्हन मांगी थी, लेकिन पार्टी ने तो मुझे ही दुल्हन दे पकड़ दी. दुल्हन से कांग्रेस उम्मीदवार का मतलब लोकसभा के टिकट से था.
Lok Sabha elections 2024: अपनी बयानबाजी और कार्यशैली से चर्चित रहने वाले छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कवासी लखमा फिर सुर्खियों में हैं. एक चुनावी भाषण में लखमा ने कहा, मैंने तो अपने बेटे के लिए दुल्हन मांगी थी, लेकिन पार्टी ने तो मुझे ही दुल्हन दे पकड़ दी. दुल्हन से कांग्रेस उम्मीदवार का मतलब लोकसभा के टिकट से था.
जगदलपुर के लालबाग मैदान में नामांकन सभा के आयोजन में कांग्रेस उम्मीदवार कवासी लखमा ने कहा, "मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी...मुझे टिकट क्यों मिला? मैंने तो मांगा नहीं था...अगर जिद की जा रही है , मेरे बेटे को टिकट दे दो. मैंने अपने बेटे के लिए दुल्हन (टिकट) मांगी थी लेकिन उन्होंने मुझे दुल्हन (टिकट) दे दी...आज, हमारा देश बेचा जा रहा है और हमारा संविधान खतरे में है...''
उधर, बस्तर जिले में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और लोकसभा उम्मीदवार कवासी लखमा के खिलाफ रुपए बांटने के मामले में भी केस दर्ज हुआ है. जगदलपुर के कोतवाली पुलिस थाने ने सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी की शिकायत पर लखमा और पार्टी के एक अन्य नेता सुशील मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा इलाके का प्रतिनिधित्व करने वाले और पिछली भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे लखमा को पार्टी ने बस्तर लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है. वहीं, मौर्य कांग्रेस की बस्तर जिला इकाई के अध्यक्ष हैं.
चुनाव अधिकारी की शिकायत के अनुसार, लखमा ने अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के एक दिन बाद 24 मार्च को जगदलपुर शहर में प्रसिद्ध मां दंतेश्वरी मंदिर का दौरा किया. कांग्रेस कैंडिडेट को मंदिर के बाहर लखमा को कथित तौर पर लोगों को नकदी बांटते हुए कैमरे में कैद किया गया था.
कांग्रेस ने इस मामले को भाजपा की साजिश बताया और कहा कि लखमा एक जन नेता हैं और बस्तर क्षेत्र के लोगों पर उनकी अच्छी खासी पकड़ है।
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.