
बेगुनाह होकर भी 41 साल एकांत कारावास में बीते, फिर रिहाई के 3 दिन बाद हुई मौत... क्या है 'अंगोला-थ्री' की कहानी
AajTak
कहानी तीन ऐसे लोगों की जिन्हें उस गुनाह की सजा मिली जो उन्होंने कभी किया ही नहीं था. तीन में से एक 29 साल बाद जेल से रिहा हुआ. तो वहीं दूसरा 41 साल बाद और तीसरा 43 साल बाद रिहा हुआ. तीनों को एकांत कारावास की सजा सुनाई गई थी. आखिर कौन थे वो तीनों शख्स जिन्हें बिना किसी बात के इतनी खौफनाक सजा सुनाई गई. चलिए जानते हैं विस्तार से...
10 जून 1972... अमेरिका का लूसियाना (Louisiana) शहर. इस रात एक दुकान में चोरी की वारदात घटी. चोरी का इल्जाम हरमन वैलेस (Herman Wallace), रॉबर्ट किंग (Robert King) और अल्बर्ट वूडफॉक्स (Albert Woodfox) पर लगा. इन तीनों को जेल में बंद कर दिया गया. कोर्ट ने भी इन तीनों को दोषी मानते हुए एक साल कैद की सजा सुनाई गई.
जब ये तीनों जेल में अपनी सजा काट रहे थे, ठीक कुछ ही महीनों बाद जेल के गार्ड ब्रेंट मिलर की हत्या हो गई. तब पुलिस वालों को शक हुआ कि ब्रेंट की हत्या हरमन वैलेस और अल्बर्ट वूडफॉक्स ने की है. पुलिस ने छानबीन किए बिना ही कोर्ट में यह भी साबित कर दिया कि ये कत्ल हरमन और अल्बर्ट ने की है.
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इसके बाद दोनों को एकांत कारावास में 40 सालों के लिए बंद कर दिया गया. उनके साथ-साथ रॉबर्ट को भी जेल में उन्ही के साथ कैद रखा गया. उस पर इनका साथ देने का आरोप लगा था. इन तीनों तो वहां 'अंगोला-थ्री' के नाम से जाना जाता था.
बता दें, एकांत कारावास अमेरिका में सबसे लंबे समय जेल की सजा मानी जाती है. यह सजा उन कैदियों को दी जाती है जिन्होंने बेहद संगीन अपराध किया हो. जैसे किसी की हत्या या रेप जैसे अपराध. एकांत कारावास में जो जेल होती है वो बिल्कुल अलग होती है.
इसका कमरा 6 फीट लंबा और 9 फीट ऊंचा होता है. यहां न तो कोई लाइट होती है और न ही कैदियों को किसी और से मिलने दिया जाता है. दिन में सिर्फ एक घंटा ही जेल से बाहर निकालने की इजाजत दी जाती है. पूरे अमेरिका में 80 हजार से भी ज्यादा कैदी ऐसे हैं जो आज के समय में एकांत कारावास की सजा काट रहे हैं.
अल्बर्ट और हरमन दोनों पहले 'ब्लैक पैंथर' राजनीतिक ग्रुप के मेंबर थे. जब इन लोगों को एकांत कारावास की सजा सुनाई गई तो 'ब्लैक पैंथर' के लोगों ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि ये तीनों निर्दोष हैं. इन्हें बेवजह फंसाया गया है. क्योंकि जब गार्ड की हत्या की गई, उस समय तो ये तीनों जेल के अंदर बंद थे. वो जेल से बाहर कैसे आ सकते थे? और कैसे गार्ड की हत्या कर सकते थे?

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.