बूढ़ा शरीर, भूलता दिमाग और 81 साल की उम्र... क्या बाइडेन को रिप्लेस कर सकती हैं कमला हैरिस?
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रिपोर्ट्स की मानें तो 81 साल के बाइडेन के साथ समस्या है कि वह अक्सर चीजें भूल जाते हैं. लेकिन कमला हैरिस के साथ दिक्कत ये है कि लोगों को ही नहीं याद कि अब तक उन्होंने किया क्या है.
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव की ओर बढ़ रहा है. मुकाबला है वर्तमान राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन और रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप के बीच. लेकिन बाइडेन को लेकर मतदाता और डेमोक्रेटिक पार्टी असमंजस की स्थिति में हैं. तमाम कारणों में से एक है उनकी उम्र. ऐसे में सवाल है कि अगर बाइडेन नहीं, तो क्या उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ड्रेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बन सकती हैं या फिर कोई नया चेहरा बाइडेन को रिप्लेस करेगा.
रिपोर्ट्स की मानें तो 81 साल के बाइडेन के साथ समस्या है कि वह अक्सर चीजें भूल जाते हैं. लेकिन कमला हैरिस के साथ दिक्कत ये है कि लोगों को ही नहीं याद कि अब तक उन्होंने किया क्या है.
प्रेसिडेंशियल डिबेट ने पैदा की चिंताएं
प्रेसिडेंशियल डिबेट में खराब प्रदर्शन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर दूसरे कार्यकाल के लिए बाइडेन की फिटनेस को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं. जैसे-जैसे उन्हें पद से हटाने के सुर बुलंद हो रहे हैं, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस बाइडेन की जगह लेने के लिए एक विकल्प के रूप में उभर रही हैं. हालांकि संभावित उम्मीदवार के रूप में एकमात्र नाम कमला हैरिस का ही नहीं है.
तैयार हो रहे बाइडेन के अन्य विकल्प
कुछ प्रभावशाली डेमोक्रेट्स कमला हैरिस के अलावा बाइडेन के विकल्प बन रहे हैं. इनमें लोकप्रिय कैबिनेट सदस्य और कैलिफोर्निया से गेविन न्यूसोम, मिशिगन से ग्रेचेन व्हिटमर और पेंसिल्वेनिया से जोश शापिरो जैसे डेमोक्रेटिक गवर्नर शामिल हैं.
1991 में गल्फ वॉर की समाप्ति ने ईरान और इज़रायल के बीच खुली दुश्मनी के युग की शुरुआत की. सोवियत संघ के पतन और एकमात्र महाशक्ति के रूप में अमेरिका के उदय ने इस क्षेत्र को और अधिक पोलराइज्ड कर दिया. वहीं, ईरान और इज़रायल ने खुद को लगभग हर प्रमुख जियो-पॉलिटिकल विमर्श में एक दूसरे के खिलाफ पाया. 1980 के दशक में शुरू हुआ ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम 1990 के दशक से विवाद का केंद्र बन गया.