बिहार के चुनाव नतीजों में बीजेपी ने ऐसा क्या देखा कि नीतीश के 'गठबंधन धर्म' पर उठने लगे हैं सवाल
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बिहार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के लिए विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र के प्रचारकों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में ऐसा क्या निकलकर आया कि नीतीश के गठबंधन धर्म पर सवाल उठने लगे हैं?
लोकसभा चुनाव के नतीजे आए 10 दिन हो चुके हैं. केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नई सरकार का गठन हो चुका है, कैबिनेट ने कार्यभार भी संभाल लिया है और अब स्टेट लेवल पर चुनाव नतीजों की समीक्षा का दौर शुरू हो गया है. गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की स्टेट यूनिट ने चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी.
बैठक में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों के विस्तारकों को बुलाया गया था और उनकी राय ली गई. इस बैठक में वो सीटें फोकस में थीं, जहां बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवारों को शिकस्त का सामना करना पड़ा था. बैठक के बाद अब ये सवाल उठ रहे हैं कि बिहार में एनडीए का भविष्य और स्वरूप कैसा होगा? सवाल गठबंधन धर्म पर भी उठने लगे हैं.
नीतीश कुमार की ओर क्यों उठ रही उंगली?
मगध और भोजपुर क्षेत्र की छह सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार चुनाव हार गए. लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में बिहार की आठ सीटों पर एक जून को वोट डाले गए थे. इनमें से छह सीटों पर एनडीए को हार मिली. यहां चार सीटों से बीजेपी के उम्मीदवार मैदान में थे- आरा, बक्सर, पाटलिपुत्र और सासाराम. बीजेपी की समीक्षा बैठक में पार्टी के विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र के प्रचारकों ने सहयोगी दलों के वोट पार्टी उम्मीदवारों को ट्रांसफर नहीं होने की बात कही. प्रचारकों ने सहयोगी दलों के वोट ट्रांसफर नहीं होने की बात कही और साथ ही ये भी जोड़ दिया- विशेषकर जेडीयू के.
जेडीयू का वोट बेस लव-कुश यानि कुर्मी-कोईरी (कुशवाहा) वोटबैंक ही रहा है. इन वर्गों के वोट को लेकर नीतीश कुमार की ओर उंगली उठी तो बचाव में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी खुलकर उतर आए. जिन सीटों पर एनडीए उम्मीदवार हारे हैं, खुद उपेंद्र कुशवाहा की सीट काराकाट भी उनमें शामिल है. काराकाट में भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता पवन सिंह के मैदान में उतरने से उपेंद्र कुशवाहा को नुकसान हुआ और वह न सिर्फ हारे, तीसरे स्थान पर रहे. काराकाट से आरजेडी उम्मीदवार राजाराम कुशवाहा जीत गए.
उपेंद्र कुशवाहा ने क्या कहा?
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