![बिहार के किशनगंज में निजी स्कूलों में उर्दू पढ़ाने का आदेश, शिक्षा विभाग ने जारी की अधिसूचना](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202412/677412106b156-urdu-education-314722428-16x9.jpg)
बिहार के किशनगंज में निजी स्कूलों में उर्दू पढ़ाने का आदेश, शिक्षा विभाग ने जारी की अधिसूचना
AajTak
बिहार के किशनगंज में जिला शिक्षा अधिकारी नासिर हुसैन ने सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को आदेश दिया है कि इच्छुक छात्रों के लिए उर्दू पढ़ाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. स्कूलों को इसकी अनुपालन रिपोर्ट बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय में जमा करनी होगी.
बिहार के किशनगंज जिले में जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) नासिर हुसैन ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए जिले के सभी निजी स्कूलों को उर्दू पढ़ाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश उन स्कूलों के लिए लागू है, जो सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) से मान्यता प्राप्त हैं.
दरअसल, डीईओ नासिर हुसैन के आदेश में कहा गया है कि किशनगंज जिले के सभी निजी स्कूलों को उर्दू पढ़ने के इच्छुक छात्रों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करनी होंगी. इसके साथ ही इन स्कूलों को बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय, किशनगंज को अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है.
ये भी पढ़ें- बिहार: 10 दिन के अंदर गिरा चौथा पुल, किशनगंज में 70 मीटर लंबे ब्रिज का पिलर ढहा
छात्रों की इच्छा के आधार पर उर्दू शिक्षा
यह आदेश खासतौर पर उन छात्रों को ध्यान में रखकर जारी किया गया है, जो उर्दू पढ़ने में रुचि रखते हैं. शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों को निर्देशित किया है कि इच्छुक छात्रों को उर्दू भाषा पढ़ाई जाए और इसकी उचित व्यवस्था हो.
ये भी पढ़ें- गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर बीजेपी-जेडीयू में तकरार, LJP ने भी जातीय राजनीति पर दी नसीहत
![](/newspic/picid-1269750-20250212190808.jpg)
प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान शासन-प्रशासन हर मोर्चे पर चौकस रहा. योगी आदित्यनाथ ने सुबह 4 बजे से ही व्यवस्थाओं पर नजर रखी थी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रेनों और बसों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें.
![](/newspic/picid-1269750-20250212003447.jpg)
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.