बिना नंबर की कार, लड़की की सिर कटी लाश और एक सुराग... दो शहरों में मिली डेड बॉडी का ऐसे खुला राज
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बिना सिर की लाश की गुत्थी को सुलझाने और कातिल तक पहुंचने के लिए पुलिस को किसी अहम सुराग या सबूत की तलाश थी. पुलिस को वो अहम सुराग मिला एक गवाह की शक्ल में. उस गवाह ने मौका-ए-वारदात पर एक कार देखी थी.
भारत-पाक बॉर्डर के करीब बीकानेर में एक लाश मिलती है. उस लाश का सिर गायब था. जिसकी वजह से उस लाश की शिनाख्त कर पाना बेहद मुश्किल था. अब बिना पहचान की लाश की गुत्थी को सुलझाने और कातिल तक पहुंचने के लिए पुलिस को किसी अहम सुराग या सबूत की तलाश थी. पुलिस को वो अहम सुराग मिला एक गवाह की शक्ल में. उस गवाह ने मौका-ए-वारदात पर एक कार देखी थी. लेकिन उसे कार का नंबर याद नहीं था. अब बिना पहचान वाली लाश और बिना नंबर की उस कार के सहारे पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की.
कूड़े के ढेर पर मिली लड़की की सिर कटी लाश पाकिस्तान की सरहद से लगता रेगिस्तानी शहर बीकानेर. कुदरती मुश्किलों के बावजूद राजस्थान का ये इलाका अपनी सुकून भरी जिंदगी के लिए जाना जाता है. लेकिन इसी बीकानेर शहर में गढ़सीसर फ्लाईओवर के करीब शनिवार 15 जून को लोगों की नजर एक ऐसी चीज़ पर पड़ी, जिसने सबका ध्यान इस ओर खींच लिया. ये चीज़ थी एक लड़की की सिर कटी लाश. जी हां, ये लाश इसी फ्लाईओवर के नजदीक एक कूड़े के ढेर पर पड़ी थी. और इसे देख कर साफ था कि इस लड़की का क़त्ल कहीं और करने के बाद उसकी लाश को इस जगह पर लाकर फेंक दिया गया था. लड़की का सिर और दोनों बांहें भी काट कर अलग कर दी गई थी. ताकि क़त्ल का कोई सबूत ही ना मिले.
ये था ब्लाइंड मर्डर केस 15 जून की दोपहर को जब लोगों ने इस लाश की खबर पुलिस को दी, तो बीकानेर पुलिस पूरे लवाज़मे के साथ मौका-ए-वारदात पर पहुंची. लेकिन लाश बरामद करने के साथ-साथ बहुत बारीकी से मौका-मुआयना करने के बावजूद पुलिस को ऐसा कोई भी सुराग नहीं मिला, जिससे मरने वाली लड़की की पहचान पता हो पाती. असल में लड़की के जिस्म पर सिवाय कपड़ों के और ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे उसके बारे में कोई सुराग मिलता. ना आई कार्ड, ना एटीएम कार्ड, ना मोबाइल फोन और ना ही कुछ और. यानी ये एक पूरा का पूरा ब्लाइंड मर्डर था.
लाश के जिस्म पर ब्रांडेड कपड़े हां, लाश पर जो कपड़े थे, वो ब्रांडेड थे. और इस ब्रांड के कपड़ों का शो रूम या तो जोधपुर में था या फिर राजधानी जयपुर में. इस लिहाज़ से देखा जाए तो लड़की का जोधपुर या जयपुर से कोई ना कोई कनेक्शन जरूर था. लेकिन ये भी सच था कि सिर्फ कपड़ों के ब्रांड से लड़की की पहचान पता करना एक मुश्किल काम था. पुलिस ने आनन-फानन में इस केस की जांच के लिए अपने धाकड़ पुलिस अफसरों को मिलाकर एक एसआईटी बना दी. अब एसआईटी ने पंचनामे की कार्रवाई पूरी करने के बाद फिर से गढ़सीसर फ्लाईओवर के पास जाकर इस लाश के बारे में लोगों से पूछताछ की. और इस कोशिश में पुलिस को इस केस का पहला क्लू मिला.
ऐसे मिला कातिल का पहला क्लू पुलिस को फ्लाईओवर के पास एक ऐसा लड़का मिला, जिसने पहली बार इस लाश को देखा था. लेकिन तब उसने इसे इग्नोर कर दिया. क्योंकि उसे लगा कि ये लाश किसी जानवर की लाश. पुलिस को उसने बताया कि लाश के पास से काफी तेज बदबू आ रही थी, लेकिन उसे पता नहीं था कि लाश किसी इंसान की है. लेकिन बातों ही बातों में इस लड़के ने पुलिस को एक बहुत अहम बात बताई. उसने बताया कि उसने इस लाश को 15 जून की सुबह 6 बजे के आस-पास देखा था. यानी इससे एक बात तो साफ थी कि लाश सुबह छह बजे से पहले इस जगह पर फेंकी गई थी. और केस की जांच आगे बढ़ाने के लिए ये छोटी सी जानकारी भी काफी थी.
लोगों से दोबारा पूछताछ इस बीच मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस ने टीम ने कुछ घंटों के बाद एक फिर इसी फ्लाईओवर के नजदीक पहुंच कर लोगों से दोबारा पूछताछ करने का फैसला किया, ताकि लड़की की लाश को लेकर कोई और क्लू भी सामने आ सके. और इस बार भी पुलिस की कोशिश कामयाब रही.
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