बिना चखे ना दिया जाए खाना, ED बोली- अर्पिता मुखर्जी की जान को खतरा है
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शिक्षा घोटाले में फंसी अर्पिता मुखर्जी की जान को खतरा बताया जा रहा है. ईडी ने PMLA कोर्ट को जानकारी दी है कि इस समय अर्पिता सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में उन्हें जो भी खाना दिया जाए, उसे पहले चखना जरूरी है.
शिक्षा घोटाले में फंसीं अर्पिता मुखर्जी की जान को खतरा बताया जा रहा है. ईडी ने PMLA कोर्ट को जानकारी दी है कि इस समय अर्पिता सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में उन्हें जो भी खाना दिया जाए, उसे पहले चखना जरूरी है. बड़ी बात ये है जांच एजेंसी ने जोर देकर कहा है कि पार्थ चटर्जी को लेकर ऐसा कोई इनपुट नहीं मिला है, उनकी सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं दिखाई देता है. लेकिन अर्पिता के साथ ऐसा नहीं है. उनकी जान पर खतरा बना हुआ है.
जानकारी के लिए बता दें कि ईडी इस समय अर्पिता और पार्थ की 14 दिन की कस्टडी चाहती है. दोनों के खिलाफ जांच के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिनकी कड़ियों का जुड़ना जरूरी है. ऐसे में कई और सवाल दागे जा सकते हैं. उस मांग के साथ ही ईडी ने कोर्ट में बताया है कि अर्पिता मुखर्जी को लेकर ऐसी खबर मिली है कि उनकी जान को खतरा हो सकता है. ईडी ने जोर देकर कहा है कि अर्पिता को जो भी पानी या फिर खाना दिया जाए, उसकी पहले जांच होना जरूरी है. लेकिन ऐसी जान का खतरा पार्थ चटर्जी के लिए नहीं है. उनको लेकर ईडी ने कोर्ट में कोई खास मांग नहीं रखी है.
वैसे इस समय शिक्षा घोटाले से जुड़ा सारा पैसा अर्पिता मुखर्जी के पास से मिला है. उनके तीन से चार प्रॉपर्टी पर रेड मारी गई है, करोड़ों का सोना जब्त किया गया है, विदेशी करेंसी मिली है. इसी वजह से इस पूरे मामले में उनकी बड़ी भूमिका है और उनकी जान को भी ज्यादा खतरा चल रहा है. वहीं बात जब पार्थ चटर्जी की आती है तो इस पूरे मामले में उनकी सीधी भूमिका नहीं दिखती है. अर्पिता ने जरूर दावा कर दिया है कि सारा पैसा पार्थ चटर्जी का ही है, लेकिन पूर्व मंत्री लगातार कह रहे हैं कि उन पैसों से उनका कोई लेना देना नहीं है.
अब पार्थ जरूर लगातार मना कर रहे हैं, लेकिन ईडी को अर्पिता के पास से LIC की 31 पॉलिसी मिली हैं. उन सभी पॉलिमी में नॉमिनी पार्थ चटर्जी को बनाया गया है. ऐसे में ईडी दावा कर रही है कि पार्थ और अर्पिता एक दूसरे को लंबे समय से जानते थे और हर मामले में इनकी मिलीभगत रहती थी. ये भी खुलासा कर दिया गया दोनों पार्थ और अर्पिता एपीए यूटीलिटी कंपनी में साझेदार थे. अर्पिता ने तो कैश देकर कुछ फ्लैट तक खरीदे थे. अब वो किसका पैसा था, कहां से अर्पिता ने उसका इंतजाम किया, ईडी इसकी जांच कर रही है.
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