बाबा सिद्दीकी केस: 2 आरोपी गिरफ्तार, तीसरे की तलाश में 4 राज्यों में पुलिस की 15 टीमें, हैंडलर तक पहुंचना चुनौती
AajTak
जांच में यह भी पाया गया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या की योजना पहले से तैयार की गई थी और आरोपियों को पहले ही पैसे पहुंचा दिए गए थे. हर शूटर को खर्च के लिए 50,000 रुपये दिए गए थे. हैंडलर की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
मुंबई पुलिस ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की घटना थी. इस बीच लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ले ली है, हालांकि पुलिस लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संभावित संलिप्तता की जांच कर रही है. गिरफ्तार आरोपियों ने भी कथित तौर पर दावा किया है कि वे लॉरेंस ग्रुप से जुड़े हैं.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनकी टीमें हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगा रही हैं. इस बीच मुंबई क्राइम ब्रांच की 15 टीमें चार राज्यों में भेजी गईं है. पुलिस के सामने अब हैंडलर चक पहुंचने की चुनौती है. इस केस के तार महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, गुजरात और हरियाणा से जुड़ रहे हैं.
आरोपियों को एडवांस में दिए गए 50 हजार
आरोपियों की पहचान हरियाणा के रहने वाले गुरमैल बलजीत सिंह (23 वर्ष), यूपी के रहने वाले धर्मराज कश्यप (19 साल) और यूपी के ही रहने वाले शिव कुमार के रूप में हुई है जो अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर है. इस बीच मुंबई क्राइम ब्रांच की 15 टीमें अलग-अलग राज्यों में भेजी गईं है.
यह भी पढ़ें: बिश्नोई गैंग ने ली बाबा सिद्दीकी के कत्ल की जिम्मेदारी, सोशल मीडिया पर लिखा- सलमान खान हम ये जंग नहीं चाहते थे लेकिन...
जांच में यह भी पाया गया है कि हत्या की योजना पहले से तैयार की गई थी और आरोपियों को पहले ही पैसे पहुंचा दिए गए थे. हर शूटर को खर्च के लिए 50,000 रुपये दिए गए थे. हैंडलर की पहचान अभी नहीं हो पाई है. तीनों आरोपी 25 से 30 दिनों से कुर्ला में किराए के मकान में रह रहे थे. कुछ दिन पहले ही आरोपियों के पास हथियार पहुंचा दिए गए थे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.