बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन पर महिला और उसकी नाबालिग बेटी से रेप का आरोप, केस दर्ज
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जोधपुर पुलिस ने बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन सहित नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मेवाराम और उसके साथी रामस्वरूप आचार्य पर एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप है. बाकी 7 लोगों पर उन दोनों आरोपियों का साथ देने का आरोप है.
राजस्थान के जोधपुर में बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन सहित नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. मेवाराम और उसके साथी रामस्वरूप आचार्य पर एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप है. बाकी 7 लोगों पर उन दोनों आरोपियों का साथ देने का आरोप है.
राजीव गांधी नगर पुलिस थाना के एसएचओ शकील अहमद ने यह जानकारी दी. उनके मुताबिक, बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन के अलावा रामस्वरूप आचार्य, बाड़मेर कोतवाली के SHO गंगाराम खावा, बाड़मेर पुलिस उप अधीक्षक आनंद सिंह राजपुरोहित, दाऊद खान, प्रधान गिरधर सिंह सोढा, नगर परिषद उप सभापति सुरतान सिंह, प्रवीण सेठिया और गोपाल सिंह राजपुरोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
पीड़िता ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि पांच साल पहले रामस्वरूप आचार्य उससे मिला था. वह उसके जोधपुर के विवेक विहार स्थित निवास पर आने लगा. वहां रामस्वरूप ने उसे नशीली दवा पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके अश्लील फोटो और वीडियो भी बना लिए. जिसके आधार पर कई बार उसने आगे भी उसके साथ रेप किया.
2 साल पहले बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन भी उसके घर आने लगा. तब दोनों ने किसी लड़की को बुलाने का कहा जिसके लिए पीड़िता ने इंकार कर दिया. लेकिन रामस्वरूप ने पीड़िता की 15 साल की बेटी के साथ ही रेप कर डाला. बाद में मेवाराम जैन ने भी लड़की के साथ रेप किया. महिला और लड़की ने जब इस पर आपत्ति जताई तो उनको अगवा कर एक फॉर्म हाउस पर ले जाया गया. जहां पर इन लोगों ने दोनों के साथ मारपीट की.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मेवाराम जैन और रामस्वरूप आचार्य द्वारा दुष्कर्म करने और उनका सहयोग करने वालों के खिलाफ जब महिला और लड़की ने आवाज उठाई तो पुलिस ने भी उनका साथ नहीं दिया. उल्टा महिला से ही जबरन कबूल करवाया कि वो और उसकी लड़की दोनों उन लोगों को ब्लैकमेल कर रही थीं. उन लोगों से पांच करोड़ रुपये मांग रही थीं. इसके बाद महिला और महिला का साथ देने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पीड़िता ने बताया कि जेल से छूटने के बाद भी मेवाराम जैन के कहने पर गंगाराम खावा और अन्य पुलिस अधिकारी हमा पर नजर बनाए हुए थे. हम सभी को जान का खतरा था इसलिए देरी से रिपोर्ट दी है. फिलहाल पुलिस इस मामले पर कार्रवाई करने में जुटी हुई है.
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