बहादुर कमांडर या मोसाद एजेंट? आखिर नसरल्लाह की मौत के बाद क्यों शक के घेरे में आए जनरल इस्माइल कानी
AajTak
ईरान के कुछ और न्यूक्लियर साइंटिस्ट, हिज्बुल्लाह और हमास के कुछ और कमांडर को छोड़ दें तो पिछले चार सालों में हुई इन छह मौतों ने ईरान को हिला कर रख दिया है. वजह ये है कि ये छह की छह मौतें मामूली नहीं हैं. बल्कि ये वो छह लोग थे जिनका रुटीन, जिनकी मीटिंग, जिनके ठिकाने, जिनकी मूवमेंट इतने गुप्त रखे जाते थे.
क्या ईरानी कुर्द फोर्स के चीफ जनरल इस्माइल कानी मोसाद के एजेंट हैं? क्या हाल में हुई सबसे बड़ी 6 मौतों की साजिश के पीछे जनरल कानी का हाथ है? क्या हिज्बुल्लाह के चीफ नसरल्लाह के ठिकाने की ख़बर जनरल कानी ने ही मोसाद को दी थी? क्या हमास चीफ की तेहरान के गेस्ट हाउस में बम धमाके से हुई मौत का जिम्मेदार भी जनरल कानी ही था? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि जनरल कानी फिलहाल तेहरान में हाउस अरेस्ट है और उस पर मोसाद का जासूस होने का शक है. चलिए जान लेते हैं, इस शक के पीछे की इनसाइड स्टोरी.
3 जनवरी 2020 बग़दाद, इराक़ की राजधानी ईरानी रिवोलूशनरी गार्ड्स के कुर्द फोर्स के चीफ जनरल क़ासिम सोलेमानी की बग़दाद में ड्रोन अटैक करके हत्या कर दी गई.
27 नवंबर 2020 तेहरान, ईरान की राजधानी ईरान के टॉप न्यूकलियर साइंटिस्ट मोहसिन फ़ख़रेज़ादा की कंप्यूटर गाइडेड मिजाइल से तेहरान में बीच सड़़क पर हमला करके हत्या कर दी गई.
19 मई 2024 उज़ी, ईस्ट आज़रबाईज़ान, ईरान ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की हेलीकॉ़प्टर दुर्घटना में संदिग्ध मौत हो गई.
31 जुलाई 2024 तेहरान, ईरान की राजधानी ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की मौत के बाद नए राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आए हमास के पॉलिटिकिल विंग के चीफ़ इस्माइल हानिया की तेहरान के एक गेस्ट में हुए बम धमाके में मौत हो गई.
28 सितंबर 2024 बैरूत, लेबनान की राजधानी बैरूत के दाहिया इलाके में एक बंकर के अंदर इज़राइली एयर स्ट्राइक में हिज्बुल्लाह चीफ़ हसन नसरल्ला की मौत हो गई.
'रिश्ते बिगड़ने की जिम्मेदारी सिर्फ ट्रूडो की...', कनाडाई PM के कुबूलनामे के बाद भारत ने दिखाई सख्ती
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को विदेशी हस्तक्षेप जांच के सामने गवाही दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए सार्वजनिक रूप से भारत पर आरोप लगाने से पहले उनकी सरकार ने भारत से सिर्फ खुफिया जानकारी साझा की थी और कोई ठोस सबूत नहीं दिया था.