'बहनजी' ऐप की लॉन्चिंग, 75 जिलों में सभा और युवाओं को जोड़ने की कोशिश... लोकसभा चुनाव के लिए बसपा की क्या-क्या तैयारी
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बसपा 15 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जनसभाएं आयोजित करेगी. पार्टी मायावती के जन्मदिन (15 जनवरी) के मौके पर 'बहन जी' ऐप भी लॉन्च करने की योजना बना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नमो' ऐप की तर्ज पर बने इस ऐप से पार्टी का इरादा युवा कार्यकर्ताओं को जोड़ने का है.
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बसपा 15 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जनसभाएं आयोजित करेगी. पार्टी मायावती के जन्मदिन (15 जनवरी) के मौके पर 'बहन जी' ऐप भी लॉन्च करने की योजना बना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नमो' ऐप की तर्ज पर बने इस ऐप से पार्टी का इरादा युवा कार्यकर्ताओं को जोड़ने का है.
बसपा की यूपी इकाई के प्रमुख विश्वनाथ पाल ने रविवार को पीटीआई को बताया, ''इस बार बहन मायावती के जन्मदिन पर पार्टी राज्य के सभी 75 जिलों में जनसभाएं आयोजित कर रही है. इन जनसभाओं में राज्य की जनता को बसपा की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी.''
उन्होंने कहा कि पार्टी अगले दो-तीन महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है और अपने कार्यकर्ताओं में चुनाव के लिए जोश भरने के लिए इन सार्वजनिक बैठकों का आयोजन कर रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 'INDIA' के साथ कोई चुनावी समझौता करेगी, पाल ने कहा, "केवल बहन जी (मायावती) ही इस संबंध में कोई निर्णय लेंगी. हम सिर्फ कार्यकर्ता हैं.”
इस सवाल पर कि मायावती ने पहले कहा था कि वह लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी, पाल ने कहा, ''अगर हमारे नेता ने कहा है कि हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी, तो हम सभी पार्टी कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ अकेले चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे."
बता दें कि बसपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष ने दावा किया कि पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. बसपा प्रमुख मायावती ने पिछले साल जुलाई में घोषणा की थी कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. उन्होंने एनडीए के साथ-साथ 'इंडिया' ब्लॉक की भी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि उनमें से कोई भी दलितों और उत्पीड़ित वर्गों के लिए "मित्रवत" नहीं था.
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि पार्टी मायावती के जन्मदिन पर जिला स्तर पर शक्ति प्रदर्शन भी करेगी. इसमें भीड़ जुटाने की क्षमता के आधार पर लोकसभा क्षेत्रों के दावेदारों की लोकप्रियता का आकलन किया जाएगा.
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