बदायूं में मर्डर, दिल्ली फरारी और बरेली में गिरफ्तारी... साजिद के राजदार जावेद के पकड़े जाने से क्या सुलझेगी मिस्ट्री?
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बदायूं शहर की बाबा कॉलोनी के उस मकान से अचानक चीख-पुकार की आवाज़ें आने लगीं. घर की महिलाएं बुरी तरह शोर मचा रही थी, एक बच्चा भी लहूलुहान और बदहवास चिल्लाए जा रहा था. आनन-फानन में लोगों का ध्यान जब मकान की तरफ गया तो सब उधर भागे और घर का मंजर देखकर दहल उठे.
Badaun innocent children double murder: एक शख्स एक जानकार के घर जाता है. फिर वहां मौजूद महिला से अपनी बीवी की बीमारी के नाम पर पांच हजार रुपये उधार लेता है. इसके बाद वो शख्स उसी महिला के दो बच्चों को खेलने के नाम पर अपने साथ छत पर ले जाता है. फिर वो दोनों का बेरहमी के साथ कत्ल कर देता है.
बाद में लोगों की भीड़ कातिल को पकड़कर पुलिस के हवाले कर देती है. मगर वारदात के कई घंटे बीत जाने के बाद भी बच्चों के घरवालों को तो क्या, पुलिस को भी नहीं मालूम कि कातिल ने उन मासूम बच्चों को क्यों मारा? हालांकि इस मामले के सह-आरोपी के गिरफ्त में आने से इस सवाल का जवाब मिलने की कुछ उम्मीद जगी है. आइए आपको बताते हैं बदायूं कांड की पूरी कहानी.
मंगलवार, 19 मार्च 2023, शाम 7 बज कर 45 मिनट, बदायूं शहर की बाबा कॉलोनी के इस मकान से अचानक चीख-पुकार की आवाज़ें आने लगीं. घर की महिलाएं बुरी तरह शोर मचा रही थी, एक बच्चा भी लहूलुहान और बदहवास चिल्लाए जा रहा था. आनन-फानन में लोगों का ध्यान जब मकान की तरफ गया तो उन्होंने देखा कि घर के बाहर एक लड़का बाइक पर बैठा है. लोगों ने जब उससे वहां होने की वजह पूछी तो वो भागने की कोशिश करने लगा. और आखिरकार किसी तरह लोगों को गच्चा दे कर वो भागने में कामयाब रहा.
दोनों बच्चों पर किया था चाकू से हमला एक भयानक कहानी की ये तो बस शुरुआत थी. असल में इस मकान में कोई ऐसा घुस आया था, जिसने मकान के अंदर मौजूद दो बच्चों पर चाकू से जानलेवा हमला किया था. और घर के दूसरे लोगों को भी मारने की कोशिश कर रहा था. लेकिन घर में मौजूद एक तीसरा बच्चा, उसकी मां और उसकी दादी किसी तरह समझदारी से काम लेते हुए मकान से बाहर निकल आए थे और उन्होंने ही बाहर से घर का गेट बंद कर दिया था. और इस तरह हमलावर मकान के अंदर ही कैद हो चुका था.
खौफनाक था घर का मंजर चूंकि घर के अंदर एक हमलावर मौजूद था, जिसने चाकू से घर के बच्चों को निशाना बनाया था, घर के बाहर जुटी अब बच्चों की मदद के लिए अंदर गई. लेकिन अंदर का मंजर देख कर हर कोई ठिठक गया. घर की दीवार पर, फर्श पर, सीढ़ियों पर. हर तरफ खून ही खून बिखरा पड़ा था. जबकि हमलावर अब भी चाकू लिए सीढ़ियों पर खड़ा था. उसे लोगों ने फौरन काबू कर लिया और चाकू छीन लिया.
छत पर पड़ी थी मासूम बच्चों की लाशें लेकिन जब खून के धब्बों का पीछा करते हुए लोग मकान की छत पर पहुंचे, तो यहां उन्हें अपनी जिंदगी की सबसे भयानक और सबसे दर्दनाक मंज़र देखा. छत की हालत देख कर लोगों का तो गला ही सूख गया. छत पर इस परिवार के दो बच्चों की हमलावर ने गला रेत कर हत्या कर दी थी. बच्चे अपने ही खून की धार पर ठंडे पर चुके थे. इन बच्चों में एक था 12 साल का आयुष जबकि दूसरा उसका 6 साल का छोटा भाई अहान प्रताप.
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