बंगाल में सियासत तेज... संदेशखाली में BJP नेताओं को नहीं मिली एंट्री, ममता बनर्जी का पैदल मार्च शुरू
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पीएम मोदी से संदेशखाली की पीड़ितों के मिलने पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि हमें शक है कि पीएम से मिले आई महिलाएं संदेशखाली की थीं या नहीं. जिन्हें संदेशखाली से जाकर पीएम से मिलना था, वे नहीं गए. बीजेपी ने बाहर से लोगों को ले जाकर पीएम से मिलवाया है. ये एक नाटक है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं को ले जाकर पीएम से मिलवाया गया और कहा गया कि ये संदेशखाली के रहने वाले हैं.
पश्चिम बंगाल का संदेशखाली मुद्दा चर्चा में बना हुआ है. इस बीच गुरुवार को संदेशखाली जा रहे बीजेपी के प्रतिनिधमंडल को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया. बीजेपी की महिला नेताओं को रोका गया है. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बंगाल की सड़कों पर उतर गई हैं.
इससे पहले बुधवार को संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं में से 5 महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. पीएम मोदी एक रैली को संबोधित करने पश्चिम बंगाल के बारासात पहुंचे थे. यहां संदेशखाली की महिलाएं भी पीएम मोदी से मिलने पहुंची थीं, जिनमें से 5 महिलाओं से पीएम मोदी ने मुलाकात की.
इस मामले पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि हमें शक है कि पीएम से मिले आई महिलाएं संदेशखाली की थीं या नहीं. जिन्हें संदेशखाली से जाकर पीएम से मिलना था, वे नहीं गए. बीजेपी ने बाहर से लोगों को ले जाकर पीएम से मिलवाया है. ये एक नाटक है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं को ले जाकर पीएम से मिलवाया गया और कहा गया कि ये संदेशखाली के रहने वाले हैं.
ममता बनर्जी का पैदल मार्च
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल की सड़कों पर उतरकर पैदल मार्च कर रही हैं. टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी और टीएमसी महिला मोर्चा के साथ ममता बनर्जी पैदल मार्च कर रही हैं. कहा जा रहा है कि संदेशखाली के मामले को लेकर उनकी पार्टी निशाने पर है, जिस वजह से वह पैदल मार्च कर उसका जवाब देना चाहती हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल का धैर्य और शिष्टाचार उसकी कमजोरी नहीं है. हमारे धैर्य को मजबूरी न समझें. ये सिर्फ चुनाव के समय आते हैं और चुनाव के बाद नहीं दिखते हैं. इसके साथ ही उन्होंने 10 मार्च को ब्रिगेड में सार्वजनिक बैठक में आने और शामिल होने का आग्रह किया.
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