
फिलीस्तीनी इलाके से मार्च निकालने पर इजरायली PM बोले- संप्रभुता से पीछे नहीं हटेंगे
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इजरायल में पूर्वी जेरुसलम पर कब्जे के जश्न में सालाना मार्च का आयोजन किया गया था. मार्च के दौरान हिंसा की गई और नस्लवादी नारेबाजी की गई. प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने इस मार्च को लेकर पुलिस की पीठ थपथपाई.
इजरायल के प्रधानमंत्री ने सोमवार को जेरुसलम में मार्च निकालने के फैसले का बचाव किया है. 1967 में जेरुसलम पर इजरायल का नियंत्रण हो गया था. इजरायली इसी जीत का जश्न मनाने के लिए हर साल मार्च निकालते हैं. इस बार मार्च के दौरान जमकर फिलीस्तीन विरोधी टिप्पणियां की गईं और हिंसा भड़क गई.
इस परेड मार्च के लिए तैयारियां की गई थीं. बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया था. सड़कों से जबरन फिलीस्तीनियों को खदेड़ा गया ताकि इजरायली नागरिक फिलीस्तीनी इलाकों से होकर गुजरने वाली इस परेड में हिस्सा में ले सके.
जेरुसलम में हुई हिंसा के बाद पिछले साल इस परेड का रूट अचानक बदल दिया गया था. हालांकि, इस साल इजरायल ने ऐसा नहीं किया. इस बार पुराने रूट से ही परेड निकालने को मंजूरी दी गई लेकिन यह मार्च हिंसक हो उठा.
मार्च में शामिल इजरायली राष्ट्रवादियों ने जमकर नारेबाजी की. इस दौरान 'अरब मुर्दाबाद' के नारे लगाए गए. फिलीस्तीनियों और पत्रकारों पर हमले भी किए गए.
पुलिस ने यहूदियों और फिलीस्तीनियों के बीच हुई भिड़ंत में बीच-बचाव किया और लाठीचार्ज भी किया.
फिलीस्तीन रेड क्रेसेंट रेस्क्यू सर्विस का कहना है कि इस दौरान 62 फिलीस्तीनी नागरिक घायल हो गए, जिनमें से 23 को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी.

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