प्रफुल्ल पटेल कैबिनेट बर्थ की वेटिंग में, भुजबल राज्यसभा सीट पर नाराज... अजित पवार की पार्टी में चल क्या रहा है?
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अजित पवार की एनसीपी में पद और कद के लिए जोर आजमाइश हो रही है. प्रफुल्ल पटेल सीनियरिटी का हवाला देकर केंद्र में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद ठुकरा चुके हैं, तो सुनील तटकरे भी बतौर इकलौते लोकसभा सांसद अपने लिए मंत्रीपद चाहते हैं. वहीं अब पार्टी ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है तो इस निर्णय से एनसीपी के ओबीसी चेहरे छगन भुजबल नाराज नजर आ रहे हैं.
महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में गजब का घमासान मचा हुआ है. पार्टी में एक साथ महात्वाकांक्षाओं का टकराव देखने को मिल रहा है. पार्टी के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हुए. उन्होंने वजह बताई कि उन्हें सीनियरिटी के हिसाब से मनपसंद पोर्टफोलियो नहीं मिल रहा था. तो वहीं रायगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सुनील तटकरे बतौर राज्यमंत्री ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने को तैयार थे. लेकिन प्रफुल्ल पटेल ने उन्हें रोक लिया.
अब खींचतान की एक नई वजह इस पार्टी में महाराष्ट्र में सामने आई है. एनसीपी ने अब पार्टी अध्यक्ष अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन भी भर दिया है. लेकिन पार्टी के इस फैसले पर एनसीपी के सीनियर नेता छगन भुजबल नाराज दिख रहे हैं. सुनेत्रा को राज्यसभा भेजने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए छगन भुजबल ने कहा है कि वे निश्चित रूप से राज्यसभा जाने के लिए उत्सुक थे. हालांकि अब पार्टी ने 'सर्वसहमति' से सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि सुनेत्रा पवार बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा का चुनाव हार चुकी हैं.
लोकसभा चुनाव के नतीजे अजित पवार की एनसीपी के लिए झटके और परेशानियां लेकर आई. इस चुनाव में पार्टी को मात्र एक सीट पर जीत मिली. ये जीत हासिल की सुनील तटकरे ने.
अजित पवार की पत्नी राज्यसभा के लिए नामांकन करने पहुंचीं, सुप्रिया सुले से हारी थीं लोकसभा चुनाव
दिल्ली में जब नरेंद्र मोदी सरकार गठन करने के लिए मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय किया जाने लगा तो सीटों की हैसियत के आधार पर अजित पवार की पार्टी को मात्र एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद ऑफर किया गया. एनसीपी की ओर से मंत्री पद की इस रेस में प्रफुल्ल पटेल सबसे आगे थे. लेकिन सुनील तटकरे भी उनके पीछे थए. सुनेत्रा पवार पहले ही चुनाव हार चुकी थीं.
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