पुरानी कारें, फ्रिज और वॉशिंग मशीन क्यों खोज रहा चीन? इकोनॉमी बचाने का ये कौन सा नया फॉर्मूला
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China Trade-In Plan : रियल एस्टेट से लेकर बैंकिंग संकट तक का सामना करने वाली China Economy को सही ट्रैक पर लाने के लिए चीन अब ट्रेड-इन योजना पर भरोसा कर रहा है और इसके लिए देश में मौजूद पुरानी कारों, फ्रिज और वॉशिंग मशीनों पर फोकस कर रहा है.
चीन की इकोनॉमी (China Economy) कोरोना के प्रकोप के बाद से कई तरह के संकटों में घिरी हुई है. इसमें रियल एस्टेट से लेकर बैंकिंग संकट तक शामिल हैं. लेकिन जनवरी-मार्च तिमाही में देश की जीडीपी (China GDP) के आंकड़े राहत देने वाले रहे. China Economy 5.3 फीसदी की दर से आगे बढ़ी है और ये आंकड़ा तमाम संकटों का सामना कर रहे चीन के लिए बेहतर और तमाम पूर्वानुमानों से ज्यादा हैं. इसमें औद्योगिक उत्पादन की अहम भूमिका रही और रिटेल सेल में भी जबर्दस्त इजाफा देखने को मिला था. चीन में रिटेल सेल 4.7 फीसदी की सालाना दर से बढ़ी है.
अब चीन ने इकोनॉमी की रफ्तार को इसी तेजी से बनाए रखने का प्लान बनाया है और इसके लिए पुरानी कारें, पुराने फ्रिज और पुरानी वॉशिंग मशीनों को खोजने में लगा हुआ है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इकोनॉमी से इन पुराने सामानों का क्या कनेक्शन हैं, तो चलिए बताते हैं आखिर ड्रैगन ने इकोनॉमी को बचाने के लिए कौन सा नया फॉर्मूला बनाया है.
ढहती इकोनॉमी को ट्रेड-इन का बूस्टर चीन अपनी ढहती जा रही इकोनॉमी को बचाने के लिए और इसे बढ़ावा देने के लिए दरअसल नए फॉर्मूले पर जोर दे रहा है. इसके तहत ड्रैगन अब देश के औद्योगिक और घरेलू उपकरणों के स्टॉक को अपग्रेड करने, प्रदूषण फैलाने वाली पुरानी कारों, मशीनों और सामानों को वापस लेने, उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के साथ ही अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ट्रेड-इन योजना पर भरोसा कर रहा है. यूज्ड उपकरणों को अपग्रेड करना, उपभोक्ता वस्तुओं के ट्रेड-इन कार्यक्रम में शामिल कंपनियों को मजबूत वित्तपोषण देगा, जो घरेलू मांग में इजाफा करने का चीन का नया प्रयास है.
इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए ट्रेड-इन योजना को चार महीने पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आगे बढ़ाया था. इसका उद्देश्य घरों और व्यवसायों को अपनी पुरानी मशीनरी को अपग्रेड करने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना है. चीन का मानना है कि प्रोत्साहन योजनाओं और लोगों को स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने से इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेड-इन्स में ग्रोथ को गति देने की क्षमता है.
आखिर क्या है ये ट्रेड-इन योजना? अब सवाल ये कि आखिर इन पुरानी कारों, वॉशिंग मशीनों और रेफ्रिजरेटेर्स पर आखिर चीन इतना फोकस क्यों कर रहा है और कैसे काम करेगी ड्रैगन की ट्रेड-इन योजना? तो रिपोर्ट के मुताबिक, China का मानना है कि उपकरण अपग्रेड से देश में उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसमें पेट्रोकेमिकल्स और स्टील जैसे भारी उद्योगों से लेकर अपार्टमेंट इमारतों में नई लिफ्ट्स स्थापित करने, उपभोक्ताओं को अपनी पुरानी वॉशिंग मशीन को स्क्रैप करने और कम पानी का उपयोग करने वाली नई वॉशिंग मशीन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना तक शामिल है.
इसके अलावा चीन की ट्रेड इन योजना के तहत नए इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) या अन्य ऊर्जा-बचत वाली कारें खरीदने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी की पेशकश किए जाने का भी प्रस्ताव है. इकोनॉमी को बचाने के ड्रैगन के इस फॉर्मूले के तहत अपकरण अपग्रेड के लिए क्षेत्रीय सरकारें सारा बोझ उठाएंगी. साथ ही इनसे जुड़े उद्योगों को सब्सिडी, टैक्स छूट और रियायती दरों पर लोन की सुविधा भी दी जाएगी.
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