पुणे: श्मशान घाट फुल, अब खुली जगह पर करना पड़ रहा अंतिम संस्कार
AajTak
पुणे के अहम श्मशान घाटों को 24 घंटे काम करना पड़ रहा है. लगातार अंतिम संस्कार होते रहने की वजह से अब श्मशान घाटों को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना की महामारी झेल रहे शहरों में पुणे का नाम भी शामिल है. मरीजों को पहले जिंदगी की जंग लड़नी पड़ रही है. दुर्भाग्य से जो इस जंग में हार जाते हैं, उन्हें मौत के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में श्मशान घाट प्रबंधकों को इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हर दिन बड़ी संख्या में शवों के पहुंचने की वजह से पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (पीएमसी) की ओर से अब ओपन फील्ड (खुली जगह पर) में अंतिम संस्कार कराने का फैसला लिया जा सकता है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.