
पीएम मोदी ने राजपक्षे से अडानी को प्रोजेक्ट देने के लिए कहा था, बयान देने वाले श्रीलंकाई अधिकारी का इस्तीफा
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श्रीलंका के बिजली विभाग के मुखिया एमएमसी फर्डिनेंडो ने दावा किया था कि अडानी ग्रुप को श्रीलंका में एक पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट पीेएम मोदी के कहने पर राजपक्षे ने दिलाया था. उनका कहना था कि पिछले साल नवंबर में एक मीटिंग के बाद राजपक्षे ने उन्हें बुलाकर प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप को देने के लिए कहा था. हालांकि अब फर्डिनेंडो ने अपना बयान वापस लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है.
श्रीलंका में एक शीर्ष अधिकारी के एक बयान से हंगामा खड़ा हो गया है जिसके तार भारत और अडानी ग्रुप से जुडे़ हैं. श्रीलंका की सरकारी बिजली कंपनी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (CEB) के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने एक संसदीय पैनल के समक्ष दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर श्रीलंका में अडानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना देने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर दबाव डाला था. हालांकि, विवाद के बाद अब अधिकारी ने अपने बयान को वापस लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकारा ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका के बिजली विभाग के मुखिया का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को सार्वजनिक उद्यम समिति (COPE) की सुनवाई के दौरान कहा कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने उन्हें पिछले साल नवंबर में एक बैठक के बाद बुलाया था और कहा था कि श्रीलंका में शुरू हो रहा पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट भारत के अरबपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप को दिया जाए. अधिकारी ने ये भी दावा किया था कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति राजपक्षे से ऐसा करने के लिए आग्रह किया था.
राष्ट्रपति राजपक्षे ने शनिवार को संसदीय पैनल के सामने फर्डिनेंडो के बयान का स्पष्ट रूप से खंडन कर दिया.
राजपक्षे ने ट्वीट किया, 'मैं इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार करता हूं कि इस परियोजना को मैंने किसी विशिष्ट व्यक्ति या किसी विशिष्ट संस्था को देने के लिए प्रभावित किया था.'

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